जनता का सेवक ही जब जनता को बेआबरू करने लगे तो फिर न्याय कि आस किससे की जाए. ऐसा ही कुछ नज़ारा देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी में दिखाई दे रहा है. जहा बीजेपी के दिग्गज नेता स्वर्ण सलारिया पर दुष्कर्म का संगीन आरोप लगा है. जिसमे नेता जी की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही है. आपको बता दे कि अकाली सरकार में मंत्री रहे सुच्चा सिंह लंगाह के बाद अब गुरदासपुर से भाजपा उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया दुष्कर्म के मामले में प्रकाश में आ गए है. सलारिया के खिलाफ 2014 के रेप केस मामले में पीड़िता आज सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां, उसकी याचिका स्वीकार कर ली गई है. गौरतलब है कि पीड़िता ने आरोप लगाया कि सलारिया 1982 से 2014 तक उनके साथ रहता था. और लगातार 25 सालों से पीड़िता को शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बना रहा था. जिसके बाद 2014 में सलारिया ने शादी से इंकार कर दिया. पीड़िता ने बताया कि शादी का मना करने के बाद भी सलारिया ने उसे मुम्बई में पी.जी. और फिर फ्लैट लेकर दिया था. बता दे कि पीड़िता ने मिडिया में आपत्तिजनक तस्वीरें भी दिखाईं है. वही याचिका में मामले की सी.बी.आई. जांच कराने की मांग की है. गुरदासपुर से भाजपा उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए रेप व धोखाधड़ी के आरोप का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है, पंजाब कांग्रेस प्रवक्ता गुरप्रताप मान ने चंडीगढ़ में एडिशनल मुख्य चुनाव अधिकारी मंजीत सिंह को इस बारे में शिकयत देकर सलारिया की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है. अब यह देखना दिलचस्प होगा की नोट बंदी और जीएसटी पर त्वरित निर्णय लेने वाली सरकार, अपनी ही पार्टी के दामन पर दाग लगाने वाले नेता स्वर्ण सलारिया पर कितनी गति से और क्या कार्यवाही करती है. लखनऊ के बाद असम में हुई नवजात की मौत गैंगरेप कर लड़की को बेचा 6 साल के बच्चे की कुएं पर पड़ी मिली लाश