भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है, देश के दो बड़े राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस राज्य की आवाम को अपने-अपने पक्ष में करने में लगे हुए हैं. पिछले 15 सालों से मध्यप्रदेश की सत्ता पर शासन कर रहे भाजपा के शिवराज सिंह चौहान की नज़र एक बार फिर से मुख्यमंत्री कुर्सी हथियाने पर है, वहीं 2003 से मध्य प्रदेश में सत्ता को तरसती कांग्रेस इस बार पूरा दमखम लगा रही है. इसी बीच खबरें आ रही है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके भाजपा प्रत्याशी इस बार फिर से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. अनूप मिश्रा पिछले विधानसभा चुनावों में मिश्रा भितरवार विधानसभा सीट से मैदान में थे, उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी लाखनसिंह यादव ने 6548 वोटों से हराया था. हालांकि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में वे फिर मुरैना से उतरे और संसद बन गए. अब संभावनाएं हैं कि वे फिर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. रामकृष्ण कुसमरिया चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे चुके रामकृष्ण ने राजनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार उनका जादू नहीं चल सका और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमसिंह ने उन्हें 8607 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया. इस बार के विधानसभा चुनावों में उन्हें फिर से मैदान में देखा जा सकता है. अजय विश्नोई जबलपुर की पाटन विधानसभा सीट से उतरे विश्नोई को भी करारी हार का मुँह देखना पड़ा था, उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश अवस्थी ने 12736 वोटों के भारी अंतर से हराया था. हरिशंकर खटीक टीकमगढ़ जिले की जतरा विधानसभा सीट पर हरिशंकर और कांग्रेस उम्मीदवार दिनेश अहिरवार के बीच कड़ा मुक़ाबला हुआ था. इस मुक़ाबले में हरिशंकर मात्र 233 वोटों से पीछे रह गए थे. इस बार वे अपनी हार का बदला लेने के लिए फिर से मैदान में उतर सकते हैं. चुनावी अपडेट:- मिजोरम चुनाव: अमित शाह ने मुख्यमंत्री पर लगाए भ्रष्ट और वंशवाद की राजनीति करने के आरोप अमेरिका नवंबर चुनाव में जीत सकते हैं भारतीय मूल के दो उम्मीदवार मध्यप्रदेश चुनाव : कांग्रेस की 'पहली लिस्ट' से कमलनाथ नाराज, यह है वजह