रायपुर: शुक्रवार को बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार पर सरकारी कर्मचारियों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने में नाकाम रहने तथा 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का इल्जाम लगाया। विपक्षी विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस भेजकर इस मसले पर चर्चा की मांग की, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। इसके चलते हंगामा हुआ जिसके परिणामस्वरूप विधानसभा को 5 मिनट के लिए रद्द कर दिया गया। वही शून्यकाल के चलते यह मसला उठाते हुए विपक्ष के नेता धर्मलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा एवं अजय चंद्राकर समेत बीजेपी विधायकों ने दावा किया कि विभिन्न विभागों के चार लाख से ज्यादा अफसरों एवं कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता और मकान किराया भत्ता में वृद्धि जैसी अपनी मांगों को लेकर 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बीजेपी विधायकों ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन (स्वास्थ्य कार्यकर्ता), स्वच्छता कर्मचारी, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के कर्मचारी, वन रक्षक, बिजली विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर मई में प्रदेश के कई जगहों पर हड़ताल पर थे। विधायकों ने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ सहायक अध्यापकों द्वारा वेतन विसंगति को हल करने के लिए बार-बार मांग के बाद भी प्रदेश सरकार ने इसे हल नहीं किया। शुक्रवार को सहायक अध्यापकों ने एक विरोध के हिस्से के तौर पर विधानसभा का घेराव करने की योजना बनाई थी। बीजेपी सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस लेकर मुद्दों पर बातचीत की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ MLA सत्यनारायण शर्मा जो स्पीकर हैं, उन्होंने नोटिस को खारिज कर दिया, जिसके बाद बीजेपी सदस्यों ने नारेबाजी आरम्भ कर दी। हंगामे के बीच अध्यक्ष को 5 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। 'बेशर्म हैं भगत सिंह के नाम पर राजनीति करने वाले...', केजरीवाल पर भड़के गौतम गंभीर VD शर्मा का खुलासा, बताया आखिर क्यों विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में की क्रॉस वोटिंग फिर अपनी ही सरकार पर भड़के वरुण गांधी, इस बार 'रेल किराये' को बनाया मुद्दा