भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होना है. मतदान तारीख में अभी एक महीने से कुछ ही ज्यादा समय बचा है, लेकिन अभी तक देश के दो प्रमुख राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम नहीं तय कर पाई है. दोनों ही पार्टियों में टिकेटों को लेकर खींच-तान जारी है, लेकिन इस मामले में ज्यादा खतरा भाजपा को है. इस तरह पता लगाएं अपना नज़दीकी मतदान केंद्र चूंकि राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा पिछले 15 सालों से मध्य प्रदेश पर शासन कर रही है, ऐसे में पार्टी के लगभग एक दर्जन से अधिक सांसदों ने विधानसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताई है और इसके लिए टिकट की मांग की है. वहीं पार्टी के सामने मुश्किल ये है कि पार्टी ने कुछ नाम फाइनल किए थे, लेकिन इन नेताओं द्वारा टिकट की मांग किए जाने को लेकर अब वो असमंजस में है कि किसे टिकट दिया जाए. वोटर आईडी खोने पर दोबारा कैसे प्राप्त करें, जाने खास बातें दरअसल सांसदों द्वारा विधानसभा चुनाव के टिकट मांगे जाने के पीछे मंशा ये है कि, पिछले पांच सालों में अच्छा प्रदर्शन न कर पाने के कारण पीएम मोदी कई बार इन्हे फटकार लगा चुके हैं. साथ ही अपने क्षेत्र में कोई सुधर कार्य न करने से जनता भी इनसे नाराज़ है. ऐसे में बीजेपी लोक सभा चुनावों से भी इन नेताओं का पत्ता कट करने का विचार कर रही है. वहीं सांसद ये सोच रहे हैं कि वे किसी तरह विधानसभा चुनाव लड़ लें ताकि अगर जीत गए तो कम से कम कुर्सी तो बची रहेगी. आपको बता दें कि राज्य में 26 सांसद हैं, जिसमे से से लगभग आधे विधानसभा चुनाव का टिकट पाने में लगे हुए हैं. ये हैं उन सांसदों के नाम, जो कर रहे हैं टिकट की मांग 1 -अनूप सिंह- मुरैना 2 -राव उदयप्रताप - होशंगाबाद 3 -भागीरथ प्रसाद- भिंड 4 -लक्ष्मीनारायण यादव-सिलवानी 5 -जनार्दन मिश्रा-रीवा ज़िले की सेमरिया सीट 6 -ज्ञानसिंह- शहडोल 7 -गणेश सिंह- सतना 8 -आलोक संजर-भोपाल 9 -फग्गन सिंह कुलस्ते-मंडला 10 -मनोहर ऊंटवाल-देवास खबरें और भी:- लोकसभा चुनाव : टूटने की कगार पर पहुंची इनेलो, बीजेपी को हो सकता है फायदा मध्यप्रदेश चुनाव: एनसीपी ने जारी किया घोषणापत्र, 200 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार इस सीट पर कांग्रेस को 20 साल से नहीं मिली जीत