नई दिल्ली : हमारे देश में यह राजनीतिक विपदा हमेशा से ही रही है. जब भी कोई पार्टी सत्ता के शिखर पर काबिज़ होती है तो वह उस राज्य या संसदीय क्षेत्र में ज्यादा ध्यान नहीं देती है. जहां पर उसकी सरकार नहीं है. जिससे वहां के विकास कार्य और अन्य योजनाओं पर विराम लग जाता है. बंदूक की नोक पर 15 वर्षीय नाबालिग को बनाया हवस का शिकार शायद यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि राजनेताओं की आपसी लड़ाई में जनता अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है और सत्तारूढ़ पार्टी अपने विरोधी की जनता के बीच किरकिरी होते देख सत्ता के चरम सुख़ का आनंद लेती है. ऐसा ही कुछ हाल है अमेठी और रायबरेली संसदीय क्षेत्रों का. ऐसे आरोप हैं कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से यहां होने वाले विकास कार्य या तो बंद कर दिए गए हैं, या फिर वे बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रही है. गौरतलब है कि रायबरेली से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी सांसद हैं. केरल के बाद अब हिमाचल प्रदेश में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा मामले में सोनिया गांधी ने इस साल मार्च में नितिन गडकरी को पत्र लिखकर यह मांग की थी कि उनके संसदीय क्षेत्र में आने वाले नेशनल हाइवे-330ए को और चौड़ा किया जाए. सोनिया गांधी ने नितिन गडकरी को लिखे पत्र में रातापुर इलाके कि 47 किलोमीटर लंबे हाइवे को चौड़ा कर चार लेन का कराने की मांग की थी. जिसके जवाब में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोनिया गांधी को जवाब दिया कि उनकी मांग पर गौर किया जा रहा है. जिसके बाद सोनिया गांधी ने नितिन गडकरी को धन्यवाद पत्र भेजा है. ख़बरें और भी... विदेशों में इस शुभ मुहूर्त में बांधें राखी अब दिल्ली-भोपाल के बीच दौड़ेगी देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तकनिकी खराबी के कारण नहीं हो सका राहुल गाँधी का भाषण लाइव : कांग्रेस