बीजेपी विधायक को सत्ता का नशा

मध्यप्रदेश- मध्यप्रदेश के खण्डवा जिला पंचायत में जिला समन्यवक बैठक के आयोजन के दौरान एक डीएफओ, विधायक की बदसलूकी का शिकार हो गया. आपको बता दे कि पौधरोपण की देख-रेख के लिए बजट राशि की बात करने पर विधायक महोदय देवेंद्र वर्मा भड़क गए और डीएफओ एस. के. सिंह को आवेश में आकर जूता मारने की बात कही.  जिसके बाद सरकारी अधिकारी कर्मचारी ने इसका विरोध प्रदर्शन किया. और विरोध रैली निकलकर पीएम और सीएम के नाम ज्ञापन सौपा. और आठ दिन में कार्यवाही ना होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन करने की बात कही.

गौरतलब है कि विधायक देवेंद्र वर्मा जिला समन्यवक बैठक का आयोजन में शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में जनप्रति निधी सहित अधिकारी शामिल थे. इस दौरान खण्डवा विधायक देवेन्द्र वर्मा नें, डीएफओ (वनसंक्षक) S.K.सिंह से पौधारोपण के बाद, पोधौं की  देखभाल में लापरवाही करनें का आरोप लगाते हुए कहा कि नागचून में कथित तौर पर लगाये गये, पौधे बर्बाद हो चुके हैं, उनकी देखभाल के लिये एक चौकीदार की व्यवस्था की जाए. इस पर वन संरक्षक एस.के.सिंह ने कहा अभी विभाग के पास आबंटन उपलब्ध नहीं है, आबंटन उपलब्ध हो जाने पर इसकी व्यवस्था कर दी जाएगी.

इस बात को लेकर विधायक एवं डीएफओ के बीच गहमागहमी हो गई व जमकर विवाद हुआ. बैठक में विवाद होने के बाद बैठक को खत्म कर दिया गया एवं डीएफओ एसके सिंह ने विधायक पर जूता मारने एवं अपशब्द कहने के आरोप लगाए. इस विवाद के बाद जिले के अधिकारी/कर्मचारी विधायक के विरुद्ध लामबंद हो गए एवं कोतवाली थाने में विधायक देवेंद्र वर्मा की शिकायत करनें पहुँचे. जहाँ डीएफओ SK सिंह की शिकायत पर कोतवाली थाने में खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा के विरूद्ध धारा 500, 504 एवं 189 के तहत अदम चेक (असंज्ञेय अपराध) दर्ज किया गया. जिसके बाद जिले के सभी अधिकारी कर्मचारियों ने एक विरोध रैली निकली और पीएम सहित सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा और जल्द कार्यवाही ना होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन की बात कही.

बता दे कि देवेंद्र वर्मा से जब इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मैंने जूता मारने की बात नहीं की है. एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मैने सिर्फ काम को लेकर हो रही लापरवाही के विषय में सवाल पूछे. जिसके मुझे उचित जवाब नहीं मिल सके. हलाकि बैठक समाप्ति के बाद जिले के सभी प्रथम श्रेणी अधिकारी डीएफओ के साथ शिकायत दर्ज कराने सिटी कोतवाली पहुंचे. और बड़े स्तर पर आंदोलन के नारे लगाए. इस घटना की जानकारी आईएफएस एसोसिएशन को दी गयी, वही उनके द्वारा इस सम्बन्ध में भोपाल में बैठक ली गयी.

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