हैदराबाद: इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी के मामले में अदालत ने भाजपा MLA टी राजा सिंह को चेतावनी देते हुए गिरफ्तारी के कुछ घंटों के अंदर ही जमानत प्रदान कर दी है। हालाँकि, अदालत ने पहले टी राजा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था, मगर बाद कोर्ट ने रिमांड ऑर्डर वापस लेते हुए उन्हें जमानत दे दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तारी के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41 का पालन नहीं किए जाने के बाद कोर्ट ने टी राजा को रिहा करने का आदेश दिया है। उन्हें मंगलवार (23 अगस्त, 2022) की सुबह पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। तेलंगाना पुलिस ने टी राजा को हैदराबाद के नामपल्ली कोर्ट में पेश किया था। टी राजा सिंह हैदराबाद की गोशामहल सीट से भाजपा के MLA हैं। वहीं, भाजपा ने उन्हें गिरफ़्तारी के बाद पार्टी से निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी भेजा है और पूछा है कि उन्हें पार्टी से क्यों निष्कासित न किया जाए। पार्टी ने इस मामले में उन्हें जवाब देने के लिए 10 दिन की मोहलत दी है। बता दें कि टी राजा ने पैगम्बर मुहम्मद के मामले ने टिप्पणी ने उस समय तूल पकड़ लिया जब उनकी गिरफ्तारी की माँग को लेकर मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने हैदराबाद में धरना-प्रदर्शन किया और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए। वहीं इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद सिंह को अरेस्ट कर लिया गया था। बता दें कि भाजपा विधायक, विवादित कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के शो का विरोध कर रहे थे, जिसने एक शो में भगवान श्री राम को लेकर गाली दी थी, किन्तु इसके बाद भी फारूकी को हैदराबाद में शो करने की अनुमति दे दी गई। इसके बाद टी राजा ने एक वीडियो में पैगम्बर को लेकर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद हज़ारों मुसलमान सड़कों पर उतरकर सर तन से जुदा के नारे लगाने लगे और तेलंगाना पुलिस ने भाजपा विधायक को अरेस्ट कर लिया। हालांकि, इस तरह की घटनाओं में एक प्रकार का दोगलापन देखने को मिलता है, वो इसलिए क्योंकि ईश्वर का अपमान, ईश्वर का अपमान ही होता है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म के हों। लेकिन आप देखेंगे कि श्री राम के नाम पर गाली देकर भी मुनव्वर फारूकी धड़ल्ले से शो कर रहा है, शिवलिंग को प्राइवेट पार्ट कहने वाला मौलवी इलियास शराफुद्दीन अब भी टीवी डिबेट्स में हिस्सा ले रहा है, किन्तु यदि कोई अपने भगवान का अपमान होते देख बदले में कुछ कह दे तो कट्टरपंथियों की भीड़ सर तन से जुदा करने पर आमादा हो जाती है और खून की प्यासी इस भीड़ के सामने पुलिस भी बेबस नज़र आती है। केरल में एक प्रश्न को लेकर प्रोफेसर टीजे जोसफ का हाथ काट दिया जाता है, उन पर आरोप लगता है कि उन्होंने सवाल में पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया है। कन्हैयालाल, उमेश कोल्हे जैसे लोग बिना पैगम्बर पर एक शब्द कहे, केवल एक सोशल मीडिया पोस्ट करने पर मार दिए जाते हैं। वहीं, देश के बहुसंख्यक समाज के देवी-देवताओं का जितना चाहे अपमान कर लो, वो आपकी अभिव्यक्ति की आज़ादी में गिन लिया जाता है। सरकार और न्यायपालिका को इस मामले पर सख्ती से गौर करने की आवश्यकता है, वरना, ये भीड़तंत्र देश के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा । मेडिकल चेकअप कराने के लिए 'ब्रिटेन' जाएंगी सोनिया गांधी, बीमार माँ से मिलने भी जाएंगी 'समय पर फैसले नहीं लेती सरकार..', आखिर किस तरफ था नितिन गडकरी का इशारा ? पत्रकारों को दारु नहीं मिल रही, इसलिए वे नितीश कुमार के खिलाफ हैं.., JDU प्रमुख का विवादित बयान