शिमला: हिमाचल के प्रभार संभालते ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ताबड़तोड़ फैसले लेने आरम्भ किए हैं। उन्होंने इस साल पहली अप्रैल से भाजपा की सरकार के सभी फैसलों की समीक्षा करने का ऐलान कर दिया है। साथ ही भाजपा सरकार के दौरान दिए गए सभी सेवा विस्तार या पुनर्नियोजन को ख़त्म करने का आदेश दिया है। लेकिन, मुख्य विपक्षी दल भाजपा को सुक्खू के फैसले पसंद नहीं आ रहे हैं। भाजपा ने सीएम सुक्खू पर बदले की भावना से काम करने और जनविरोधी फैसले लेने का इल्जाम लगाया है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं श्री नैनादेवी जी के MLA रणधीर शर्मा ने कहा है कि सीएम बनने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहले ही दिन जनविरोधी फैसले लेकर जनता के हितों पर कुठाराघात किया है। तत्कालीन भाजपा सरकार के 01 अप्रैल के बाद लिए गए फैसलों की समीक्षा कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकारें निरंतर कार्य करती है, मगर इस तरह बदले की भावना से कार्य करना, किसी भी सरकार को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार के दौरान जो नए संस्थान बने उन्हें निरस्त करने के तुगलकी फरमान की पार्टी कड़ी निंदा करती है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए संस्थानों में कई विभाग खोले और उन्हें सशक्त भी किया। जनता की सुविधा के मद्देनज़र यह सब काम किए गए थे, मगर सत्ता में आते ही कांग्रेस की तरफ से सभी संस्थानों को डी-नोटीफाई करने का फैसला तानाशाही को दर्शाता है। भाजपा सरकार की पहली ही कैबिनेट से जनहित के फैसले लिए गए थे। 'तेजस्‍वी यादव के नेतृत्‍व में लड़ा जाएगा 2025 का विधानसभा चुनाव', CM नीतीश ने किया बड़ा ऐलान 'राहुल गांधी गो बैक..', राजस्थान में क्यों हो रहा भारत जोड़ो यात्रा का विरोध ? राज्यपाल कोश्यारी ने लिखा अमित शाह को पत्र, छत्रपति शिवाजी को लेकर कही ये बड़ी बात