इंदौर: मध्यप्रदेश में नगरी निकाय एवं पंचायत चुनाव का घमासान आरम्भ हो चुका है। इंदौर में कांग्रेस ने महापौर के लिए अपना प्रत्याशी MLA संजय शुक्ला को चुना है। वहीं मंगलवार को भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव को घोषित कर दिया है। सभी अपने अपने स्तर से प्रचार आरम्भ कर चुके है। हर कोई अपनी अपनी तरफ से जबरदस्त प्रयास में लगे है। बीजेपी अपने द्वारा किए गए इंदौर के विकास को लेकर अपनी कामयाबी गिनवा रही है तो वही कांग्रेस इंदौर में ना हुए कार्यो को मुद्दा बना रही है। हाल ही में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अपने एक सम्बोधन में कहा था कि हमने 2020 का भी इंदौर देखा है और 2005 का भी... आज इंदौर में काफी बदलाव हो चुका है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक समय पर इंदौर नगर निगम का बजट 17 करोड़ था और आज 2000 करोड़ हो गया है। ये भारतीय जनता पार्टी का काम है जो दिखाई देता है। वही बात यदि इंदौर के बदलाव की करे तो बीते कुछ सालों में काफी बदलाव हुए है अगर हम बीते कुछ वर्षों पुराना इंदौर देंखे तो अभी इस समय इंदौर में काफी विकास हो चूका है। राजवाड़ा से लेकर विजय नगर तक... हर एरिया में बदलाव देखने को मिला है। बता दे कि भाजपा को मध्य प्रदेश में राज करते करते 15 वर्ष बीत चुके है। स्वच्छता से लेकर फ़ूड तक दुनिया भर में इंदौर छाया हुआ है। तो आइये आज नजर डालते है आज के इंदौर विकास पर... मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के राजवाड़ा के आसपास शहर के प्रमुख पुराने बाजारों में सालों से संकरी गलियां एवं सड़क होने की वजह से ग्राहकों को यहां खरीदी करने के लिए जाने में बहुत समस्या होती थी। निगम ने 5 वर्ष में मध्य क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के काम किए है। इससे मध्य क्षेत्र के कारोबार को भी रफ़्तार प्राप्त हुई। नगर निगम द्वारा विगत 5 वर्षों में पश्चिमी क्षेत्र में स्मार्ट सिटी के जरिए 8 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण किया गया तथा इस कार्य पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस परिवर्तन का प्रभाव यह है कि कारोबारी व आम लोग भी सरलता से यहां खरीदी के लिए पहुंचते है। यहां के कारोबारियों का कहना है कि रोड की चौड़ाई बढ़ने से आवागम सुगम हुआ किन्तु अब भी सड़कों पर ठेले व फुटकर विक्रेताओं की वजह से ट्रैफिक बाधित होता है। इसके अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था कम होने से वाहन चालकों को परेशान होना पड़ता है। ऐसे में इस इलाकों में पार्किंग की व्यवस्था बढ़ाई जाना चाहिए। स्मार्ट सिटी के जरिए मध्य क्षेत्र में नए पार्किंग क्षेत्र बनाए गए है। इसके अतिरिक्त कपड़ा बाजार, खजूरी बाजार व वीर सावरकर मार्ग में नई पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। 5 वर्षों में पश्चिमी क्षेत्र की इन सड़कों का हुआ विकास:- - गंगवाल बस स्टैंड से जिंसी - महू नाका से टोरी कार्नर - जयरामपुर से गोराकुंड - गंगवाल बस स्टैंडसे मच्छी बाजार - कृष्णपुरा से जवाहर मार्ग - कृष्णपुरा से राजवाड़ा अन्ना पान दुकान तक - बड़ा गणपति से कृष्णपुरा पुल - जवाहर मार्ग पुल से पागनीसपागा इसका भी होगा विकास:- सुभाष मार्ग का होगा चौड़ीकरण पश्चिमी क्षेत्र के बाजारों में पार्किंग नंदलापुरा में 250 फोर व्हीलर की पार्किंग यशवंतगंज में 250 टू व्हीलहर की पार्किंग संजय सेतु पर 50 टू व्हीलर की पार्किंग यहां पार्किंग है प्रस्तावित:- खजूरी बाजार में 450 दो पहिया वाहनों की पार्किंग कपड़ा बाजार में 250 दो पहिया वाहनों की पार्किंग वीर सावरकर बाजार में 262 फाेर व्हीलर व 250 दो पहिया की पार्किंग इसके साथ ही शहर के मध्य इलाके में अधिकांश प्रमुख बाजार हैं। स्मार्ट सिटी द्वारा विगत 5 सालों में शहर के मध्य क्षेत्र में रोड चौड़ीकरण का बहुत कार्य किया है। सड़क की चौड़ाई बढ़ने ने इस इलाके से जुड़े बाजारों के व्यवसायिक संसाधानों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अतिरिक्त इन रास्तों में आवागमन भी सुगम हुआ है। पहले मध्य क्षेत्र में यातायात का बहुत भार हुआ करता था। जवाहर मार्ग से पागनीसपागा के बीच सड़क बनने के पश्चात् जवाहर मार्ग की सड़क का 40 प्रतिशत तक ट्रैफिक लोड कम हुआ है। खजूरी बाजार, क्लाथ मार्केट एवं वीर सावरकर बाजार में मैकेनाइज्ड पार्किंग बनने से यहां आने वाली गाड़ियों को बहुत सहूलियत होगी। पश्चिमी क्षेत्र के प्रमुख बाजार:- -सराफा बाजार - खजूरी बाजार -कपड़ा बाजार -बर्तन बाजार -सीतलामाता बाजार - मारोठिया बाजार - शक्कर बाजार सड़क चौड़ीकरण से कारोबारियों को हुआ फायदा:- रोड चौड़ीकरण से दुकानदारों व कारोबारियों को फायदा प्राप्त हुआ है। पहले संकरी सड़क होने की वजह से लोग बाजार में आने से कतराते थे किन्तु रोड चौड़ी होने से अधिक लोग बाजार में आ रहे है। अगर सीतलामाता बाजार इलाके में पार्किंग के बेहतर इंतजाम हो जाए तो हमारी मुश्किल सरल हो जाएगी। स्वच्छता में भी नंबर-1 इंदौर:- मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी व देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर इसी उद्देश्य के साथ निरंतर 5 बार अव्वल बना है। संभवतः इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जिसने प्रत्येक वर्ष स्वच्छता की पूर्व नियोजित रणनीति तथा नए इनोवेशन को अपनाकर तुलनात्मक तौर पर अपने से विकसित एवं संसाधन संपन्न शहरों को स्वच्छता के तमाम पैमानों में आगे बने रहते हुए निरंतर मात दी है। स्वच्छता के मामले इंदौर का नाम दुनियाभर में मशहूर है। खाने में भी ‘नंबर 1’ इंदौर:- इंदौर (Indore) शहर सफाई के साथ साथ खाने में भी नंबर वन है। यहां का स्ट्रीट फूड (Street food) दुनियाभर में बहुत मशहूर है। यहां नमकीन (Namkeen) विदेशों में भी सप्लाई की जाती है। साथ ही यहां के पोहे का रुतबा भी विश्वभर में फैला हुआ है। सबसे पहले लोग यहां पोहा जलेबी खाना पसंद करते हैं। वही हाल ही में इंदौर ने Eat Right Challenge में भी अपना जलवा दिखाया है और इसमें पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। बता दे कि इस स्पर्धा में साफ सुथरे और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों व भोजन को लेकर यह ईट राइट चैलेंज स्पर्धा आयोजित की गई। जिसमे साफ-सुथरे तथा अच्छे खाने को लेकर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की गई तथा नमूने लिए गए। जिसके लिए इंदौर में ही लगभग 3 हजार खाद्य व्यापारी हैं। वह सभी लाइसेंसधारी व्यापारियों के प्रतिष्ठान का भौतिक सत्यापन भी किया गया था। कबाड़ से रच दिया सुंदर कलाकृतियों का संसार:- कबाड़ के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन इंदौर में कबाड़ का भी जबरदस्त उपयोग किया जा रहा है जो कि इंदौर की सुंदरता में चार चाँद लगा रहा है। मेटल स्क्रैप व इंडस्ट्रियल वेस्ट से सुंदर कलाकृतियां बनाई गई है। जगह जगह ये कलाकृतियां स्थापित की गई है जो कि इंदौर का रूप निखार रही है। ये कलाकृतियां इतनी सुंदर होती है कि देश ही नहीं विदेश में भी इनकी मांग है। इनको देखकर हर कोई मुरीद हो जाता है। इंदौर में कबाड़ का जिस तरह से उपयोग हो रहा है वो भी हर किसी के लिए प्रेणादायक है। वही इंदौर में बदलाव तो इतने हुए जिन्हे गिनवाना शायद संभव नहीं है लेकिन कुछ ऐसे बदलाव जिन्होंने इंदौर को दुनियाभर में मशहूर किया है उनका जिक्र हमने किया है। कोरोना ने पकड़ी खतरनाक रफ्तार, 80 हजार के करीब पहुंचे एक्टिव केस 'अग्निपथ स्कीम' की आग ने लाखों की साड़ियां कर डाली राख, व्यापारी बोले- 'हमारा क्या कसूर?' 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