जम्मू-कश्मीर में मौजूदा बीजेपी-गठबंधन को अब बीजेपी ने अमित शाह की एक मीटिंग के बाद वापस ले लिया है. कश्मीर में अब राष्ट्रपति ने राज्यपाल शासन को मंजूरी दे दी है. भाजपा ने यहाँ पर गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने बयान में महबूबा मुफ्ती की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पीडीपी के साथ काम करना ठीक नहीं है, यहाँ पर विकास कार्य रुके हुए है, वहीं आतंकवाद भी कश्मीर में बढ़ा है." गठबंधन तोड़ने को लेकर बीजेपी ने हवाला दिया है कि "घाटी में पिछले काफी समय से हालात नाजुक बने हुए है, जिससे लड़ पाना महबूबा सरकार के साथ अब संभव नहीं हो पा रहा है." वहीं अब जनता के बीच केंद्र सरकार का चुनाव से पहले किया हुआ एक वादा याद आ रहा है जिसमें अक्सर मोदी कहा करते थे कि सरकार बनने के बाद धारा 370 को खत्म कर देंगे. हालाँकि बीजेपी का इस बारे में यही कहना था कि उन्होंने मुफ्ती सरकार से भी इसलिए गठबंधन किया ताकि वो कश्मीर के हालातों को काबू में कर लेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया जिसके बाद अब यह दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार केंद्र के नीतियों के अनुरूप कश्मीर में अब दूसरे प्लान पर काम करेगी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि अब मोदी सरकार कश्मीर में हालातों को काबू कर जल्द ही धारा 370 पर विचार करेगी जो उनका चुनाव जीतने के लिए एक नारा हुआ करता था. BJP-PDP alliance: जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख वैद्य का कश्मीर पर बड़ा बयान BJP-PDP alliance: महबूबा ने सौंपा इस्तीफा, अब राज्यपाल के हाथों में शासन