भारतीय सेना ने 28 सितम्बर 2016 में पाकिस्तान में जो सर्जिकल स्ट्राइक की थी उसे लेकर अब भी सबूत मांगने का सिलसिला जारी है। हाल ही में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जम्मू-कश्मीर में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान सबूत मांगे थे तो, अब पार्टी के दूसरे नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि अगर सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो है तो उसे जारी किया जाए। इसे लेकर बीजेपी ने उनके इस्तीफे की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राशिद अल्वी ने कहा, “हमें अपने सुरक्षाबलों पर पूरा भरोसा है लेकिन भाजपा की सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। बीजेपी सरकार कहती है कि सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो है. ..तो इसमें क्या गलत है कि दिग्विजय सिंह इस वीडियो को दिखाने की मांग कर रहे हैं। हम सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं मांग रहे लेकिन सरकार को वो वीडियो दिखाना चाहिए, जिसके बारे में वो दावा करती है.” अल्वी ने आगे कहा, “मैं सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। मैं सत्ता में बैठे लोगों के विरोधाभासी दावों पर सवाल उठा रहा हूं। अमित शाह ने अलग नंबरों का दावा किया है जबकि योगी आदित्यनाथ ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में अलग दावे किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के मन में सेना के लिए सम्मान है। जब राशिद अल्वी से पूछा गया कि राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान को खारिज कर दिया है तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि राहुल गांधी ने भी यही कहा है कि हमें सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की जरूरत नहीं है. यहां तक कि दिग्विजय सिंह भी उनसे सहमत नहीं होंगे। सवाल यह है कि बीजेपी नेताओं के किस बयान पर भरोसा किया जाए। बीजेपी इस तरह से काम करती है कि सेना बीजेपी का विस्तार है. सेना देश की है, बीजेपी की नहीं. बीजेपी का बयान पर पलटवार: इसे लेकर बीजेपी ने पलटवार करते हुए राशिद अल्वी के इस्तीफे की मांग की है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, ''नहीं, सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय सिंह का ये कोई व्यक्तिगत बयान नहीं था। यहां राशिद अल्वी भी हैं- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस के अन्य लोगों की तरह हमारे वीरों की बहादुरी पर संदेह व्यक्त कर रहे हैं। हमला करना कांग्रेस का संस्थागत दृष्टिकोण है। क्या दिग्विजय सिंह और राशिद अल्वी को कांग्रेस बर्खास्त करेगी?'' कांग्रेस के आरोपों पर आई पुलिस की बड़ी सफाई, जानिए क्या कहा? 11वीं कक्षा में पढ़ रही 16 साल की छात्रा को आया हार्ट अटैक भारत और नेपाल में तेजी से बढ़ मस्जिद और मदरसे का निर्माण