नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रामक बयान देने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता कृषि कानून के मामले पर अपनी आक्रामक बातचीत से माहौल को उग्र कर रहे हैं और मांग कि की किसान विश्वास बहाल करने के लिए उन पर लगाम लगाई जाए। मायावती ने यह भी अनुरोध किया कि कृषि विनियमों को निरस्त करने के अलावा सरकार विरोध कर रहे किसानों के अन्य अनुरोधों को पूरा करे ताकि वे अपने घर लौट सकें। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांगों के अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने एक हिंदी ट्वीट में कहा, 'कुछ अन्य जायज मांगों पर भी समाधान की जरूरत है ताकि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों में लौट सकें और अपने कार्यो में शामिल हो सकें।' उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ ही, कृषि नियमों को निरस्त करने की घोषणा में किसानों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए भाजपा के अधिकारियों को अपनी भाषा पर लगाम लगानी चाहिए, जो पीएम के भाषण के बावजूद जनता के बीच संदेह पैदा करते है और उनके उत्तेजक शब्दों से माहौल को ख़राब करने की कोशिश करते है।" मायावती ने उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी जब साक्षी महाराज ने कहा, "बिल बनाए जाते हैं और उन्हें निरस्त कर दिया जाता है।" अगर सरकार ने मान ली किसानों की यह मांग, तो 2 साल में देश दिवालिया हो जाएगा क्या कृषि कानून की तरह CAA-NRC भी वापस होना चाहिए ? जानिए क्या बोले राकेश टिकैत शादी के बंधन में बंधे उन्मुक्त, जानिए कौन है दुल्हन?