लखनऊ/दिल्ली : चौथे चरण के मतदान के बाद बीजेपी ने अपने बागी नेताओ पर आखिर अनुशासन का चाबुक चला ही दिया. इस फैसले के जरिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संकेत दिया कि पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों से पार्टी सख्ती से निबटेगी. पार्टी में बगावत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. गौरतलब है कि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने पार्टी आलाकमान के आदेश के बाद पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले 18 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इन 18 नेताओं में कौशांबी, इलाहाबाद, आजमगढ़, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर और मऊ जिले के नेता शामिल हैं. इसी तरह उत्तराखंड में 60 बगावती नेताओं और कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया गया है. दरअसल बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बागी होने का कारण वह आयातित नेता हैं, जिन्हें दिल खोलकर टिकट दिए. बगावत का मूल कारण ही यही है.उसके बाद टिकट ना मिलने से नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बगावत कर दी. पार्टी ने इन नेताओं को भले ही बाहर निकाल दिया हो लेकिन वे कई जगह पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं. परिणाम आने पर इनकी मदद की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता. यह भी पढ़ें सामने आया नकली ऊँगली से फर्जी मतदान का सच क्या यूपी चुनाव पर पड़ेगा नोटबंदी का असर?