इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में साल 2020 के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के अंतर्गत हिरासत में लेने के उपरांत जेल जा चुके एक पुराने बदमाश (हिस्ट्रीशीटर) की पत्नी को दिया गया पार्षद का विवादास्पद टिकट सत्तारूढ़ बीजेपी ने 24 घंटे के भीतर शनिवार को वापस ले लिया है। प्रदेश भाजपा इकाई के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बोला है कि इस महिला के परिवार की 'आपराधिक पृष्ठभूमि' का पता चलने पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति के तहत यह कदम उठाने का निर्णय लिया गया था। गौरतलब है कि बीजेपी ने स्थानीय बदमाश युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद को शुक्रवार को घोषित सूची में इंदौर के वॉर्ड क्रमांक 56 से पार्षद पद का प्रत्याशी बना दिया गया था। बहरहाल, इस फैसले पर सवाल उठने के उपरांत बीजेपी ने अगले ही दिन उनसे टिकट वापस लेते हुए इस अनारक्षित वॉर्ड से गजानंद गावड़े को अपना उम्मीदवार होने का एलान कर दिया था। काशिद के पति पर दर्ज हैं कई मामले: ख़बरों का कहना है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने एक बयान में बोला है कि 'मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन के संज्ञान में लाया गया कि स्वाति काशिद के परिवार की क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। भाजपा नेतृत्व ने इस सिलसिले में 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर चलते हुए उनसे पार्षद का टिकट वापस ले लिया।' पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि काशिद के पति युवराज काशिद पर गुजरे वर्षों में कत्ल और अन्य संगीन आरोपों को लेकर इंदौर जिले में अलग-अलग आपराधिक केस भी दर्ज किए जा चुके है। 'मोदी-शाह इस्लाम कबूल लो..', कहने वाले मौलाना तौकीर रजा पर योगी सरकार ने कसा शिकंजा राष्ट्रपति क्यों नहीं बनना चाहते 'राष्ट्रपिता' के पोते गोपालकृष्ण गांधी ? अनिल देशमुख और नवाब मलिक को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका, नहीं मिली मतदान की अनुमति