अकोला: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. महाराष्ट्र के अकोला में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि मैंने संसद में जो कहा था आज उसे फिर से दोहरा रहा कि भारत के मुसलमान अपने आप को बिल्कुल वैसा ही महसूस कर रहे हैं जैसा हिटलर के जमाने में यहूदी करते थे. ओवैसी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ख्वाजा अजमेरी की दरगाह पर पीएम नरेंद्र मोदी चादर चढ़ाने का काम तो करते हैं, मगर यह कौन सी मोहब्बत है ख्वाजा अजमेरी से कि आप मस्जिद को हमसे छीनना चाहते हैं. यह कौन सी मोहब्बत है कि आप मस्जिद पर चादर तो चढ़ाएंगे मगर हमारे बच्चियों के सर से हिजाब को छीन लेंगे. यह कौन सी मोहब्बत है की मस्जिद को हमसे छीनने का पूरा प्रयास क्या जा रहा है. दिल्ली में एक 500 वर्ष पुरानी मस्जिद को बिना किसी नोटिस के शहीद कर दिया गया. 600 वर्ष पुरानी मस्जिद एवं कब्रिस्तान को भी शहीद कर दिया गया. हम पूछना चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस देश में क्या करना चाहती है? जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उनके सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 1,80,000 मुस्लिम शामिल नहीं हैं उच्च शिक्षा में। सांसद ने कहा, आज हम देख रहे हैं ज्ञानवापी मस्जिद में क्या हो रहा है, पीएम एवं उनकी पार्टी बोलती है कि 22 जनवरी इस मुल्क का तारीखी दिन था, मैंने पार्लियामेंट में इस बात को रखा कि यदि 22 जनवरी तारीखी दिन था तो इसकी बुनियाद 6 दिसंबर 1992 को रखी गई. यदि 22 जनवरी तारीखी ही दिन था तो इसकी बुनियाद 1986 में ताले खोल कर रखी गई. यदि वह तारीखी दिन था, तो जीबी पंत ने उसमें प्रतिमाएं रखकर 22 जनवरी को तारीखी दिन बनाया. सर्वोच्च न्यायालय ने आस्था के आधार पर फैसला देकर पूरे मुल्क को यह पैगाम दे दिया कि आस्था बड़ी है एवं एविडेंस को नहीं देखा जाएगा. मैं आपसे अपील कर रहा हूं कि स्वयं के लिए अपनी-अपनी मस्जिदों को आबाद रखो. ओवैसी ने कहा कि राइट टू रिलिजन भारत के संविधान का एक अधिकार है तथा भारतीय जनता पार्टी एवं RSS यह चाहती है कि यह हमसे छीन लिया जाए. आपसे कहा जाता है कि जब अकोला में चुनाव होगा तो आप सेकुलरिज्म को जिंदा रखिए. खबरदार मैं उन दलालों से बोल रहा हूं जो मुसलमानों की साफा में है. मैं दिल्ली में बैठे चौधरियों को बताना चाहूंगा कि आज यदि नरेंद्र मोदी जीतते हैं, तो मुसलमान के कारण नहीं उन्होंने अपनी छवि बना ली है हिंदू हृदय सम्राट की. वह सभी मेजॉरिटी समुदाय को एक करने का प्रयास कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने भारत की राजनीति में मुसलमान को मार्जिनलाइज्ड करके रख दिया. महाराष्ट्र की विधानसभा में एक असदुद्दीन ओवैसी एवं इम्तियाज जलील नहीं बल्कि 50 ओवैसी और जलील होने चाहिए. तुम सब इस जलसे में तो आ जाते हो मगर जब वोट डालने का वक़्त आता है तो तुम्हारे दिमाग में सेकुलरिज्म भर दिया गया है. संविधान में लिखे हुए सेकुलरिज्म को मैं मानता हूं मगर तुम राजनीतिक सेकुलरिज्म को मत मानो. क्या मिला तुम्हें सेकुलरिज्म के नाम पर तुमने मस्जिद खो दी. एक मस्जिद चली गई खुदा ना करें हजारों मस्जिद में चली जाएंगी. उन्होंने अकोला में लोगों से AIMIM के कम से कम 4 उम्मीदवार को लोकसभा में जीताने की अपील की. क्या तुम नहीं देख रहे जो अशोक राव मुझे गाली देते थे उनके चमचे आज मोदी के पैरों में बैठकर चाय पी रहे हैं, कल तक मुझे B टीम बोलने वाले राज्यसभा की मेंबरशिप ले रहे हैं. अब मध्य प्रदेश का एक और पूर्व सीएम कमलनाथ जिनको इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहा जाता था, यह मैं नहीं उनका लीडर ही कहता था, अब सुना है वह भी भारतीय जनता पार्टी में जाने वाले हैं, आप ही बताओ अब कौन B टीम है. महाराष्ट्र में अजित पवार कहते थे, आज वह कहां पर बैठे हैं. अजित पवार बोल रहे हैं कि मैं अपनी पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ लड़ाऊंगा. अब आप ही बताइए महाराष्ट्र में यह क्या मामला हो रहा है? उन्हीं का एक मुंबई का लीडर है उसे सिर्फ इफ्तार की दावत याद आती है तथा कुछ नहीं. अगली बार जब कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी के लोग आपके बीच आए तो उनसे पूछना कि आप अपने जुबान से बाबरी मस्जिद बोल सकते हैं या नहीं? हमने संसद में कहा एक बार जहां मस्जिद बन गई वहां थी है और रहेगी. मैं आपसे बोल रहा हूं हमने बाबरी मस्जिद जिंदाबाद का नारा लगाया था. बाबरी मस्जिद जिंदा है तथा रहेगी. 'मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा...', BJP में जाने की ख़बरों के बीच आया कांग्रेस नेता का बड़ा बयान सरकार ने मानी MSP की मांग, किसानों के सामने रखा 5 वर्षीय प्लान, SKM बोला- अभी रुका हुआ है दिल्ली चलो मार्च, लेकिन... CAF जवान को नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से काट डाला, बीच बाजार हुए हमले से दहला छत्तीसगढ़