चेन्नई: तमिलनाडु में मौसम की गर्मी के साथ-साथ सियासी गर्मी भी अपने उथ्कर्ष पर है। जाहिर तौर पर केंद्र की बीजेपी सरकार राज्य में अपनी पैठ बनाने के लिए भरपूर प्रयास करेगी. बीजेपी के महासचिव और तमिलनाडु में पार्टी के प्रभारी मुरलीधर राव का कहना है कि पहली बार बीजेपी अपने बल बूते पर 156 सीटों पर चुनाव लड़ रही है| जब कि 24 सीटों पर एक स्थानीय पार्टी को बीजेपी ने केवल अपना चुनाव चिन्ह दिया है. राव का मानना है कि कई सीटों पर बीजेपी के लिए चौंकाने वाले परिणाम आएंगे, तो कई जगहों पर बीजेपी के वोट का प्रतिशत बढ़ सकता है. जब राव से पूछा गया, तो क्या बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही है। तो इसके जवाब में राव ने कहा कि कोई भी पार्टी जब चुनावी मैदान में उतरती है, तो उसका मकसद बहुमत पाकर सरकार बनाना ही होता है. जनता बारी-बारी से द्रविड़ पार्टियों को मौका देती आई है, यह पहला मौका है, जब कोई गैर द्रविड़ पार्टी मैदान में है. हम जनता को डीएमके और एआईडीएमके के अलावा विकल्प दे रहे है। बता दें कि इस बार बीजेपी ने राज्य के बड़े दलों के साथ मिलकर गठबंधन नहीं किया है, लेकिन स्थानीय स्तर की कुछ पार्टियों के साथ गठबंधन किया है. शिक्षण संस्थान के संचालक के दल आईजेके को 45 सीटें दी गई है. वह बीजेपी के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ रहे है। देवेंद्रास समाज के दल, तेवर समाज के दल को भी 24 सीटें दी गई है. राज्य में बीजेपी का कोई चेहरा नहीं है, ऐसे में क्या पार्टी पीएम के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी, इस पर राव का कहना है कि जब पार्टी खड़ी हो गई है, तो चेहरा भी बन जाएगा। तमिलनाडु की जनता के बीच हम मोदी जी की नीतियों और कार्यक्रमों और उनके शासन व विकास के नारे को लेकर जा रहे हैं. लोगों में मोदी जी के प्रति वही आकर्षण है जो लोकसभा चुनाव में था।