महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद दीपावली के बाद शुरू होगी और इसी दौरान भाजपा नेतृत्व ने साफ संकेत दिए हैं कि मुख्यमंत्री पद उसके पास ही रहेगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा. वहीं भाजपा सरकार में शिवसेना को लगभग चालीस फीसदी मंत्री पद दे सकती है. आपको बता दें कि बीते समय की तुलना करने पर शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं और उप मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच दीपावली के बाद होने वाली बातचीत के बाद होगा. जी दरअसल महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों ने भाजपा और शिवसेना गठबंधन स्पष्ट बहुमत हासिल करने में तो सफल रहा है, लेकिन विधानसभा के अंकगणित को देखते हुए दोनों दलों के बीच अंदरूनी टकराव बढ़ गया है और विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की घटी ताकत को देखते हुए शिवसेना दबाब बना रही है. इसी के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर भी दावा कर रही है. इसी के साथ आपने देखा कि ठाकरे परिवार ने पहली बार चुनाव लड़ा और आदित्य ठाकरे विधायक बने हैं. अब ऐसे में शिवसेना उन्हें बतौर मुख्यमंत्री पेश कर रही है और दोनों दलों के बीच चुनाव के पहले के पचास-पचास फीसद के समझौते की याद भाजपा को दिला रही है. भाजपा सहमत नहीं - खबरों के मुताबिक भाजपा सूत्रों ने 50-50 फीसदी के किसी फॉर्मूले से इंकार किया और कहा कि, ''यह तय हो चुका है कि भाजपा बड़े भाई की भूमिका में रहेगी. सीटों का बंटवारा हो या फिर जीती हुई सीटों की संख्या भाजपा, शिवसेना से बहुत आगे हैं. अगर शिवसेना की ज्यादा सीटें आती तो बात अलग होती, लेकिन भाजपा गठबंधन ही नहीं. सभी दलों में सबसे बड़ी पार्टी और और किसी भी दल की तुलना में वह लगभग दो गुने की संख्या में है.'' शनिवार को दुष्यंत ने किया भाजपा को समर्थन देने का ऐलान, आज पिता अजय चौटाला को तिहाड़ से मिला फर्लो अमेरिका की फटकार के बाद पाक ने उगला सच, कहा- हिरासत में हैं गुलालई के पिता डोनाल्ड ट्रम्प ने दी दीपावली की शुभकामनाएं, कहा- यह पर्व प्यार, उल्लास और स्थाई शांति लाए