शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र की खिंचाई की है, यह आरोप लगाते हुए कि किसानों पर "काले कानूनों" को जोर देने की कोशिश की है, जिस तरह से यह "विमुद्रीकरण" और पिछले दिनों जीएसटी लगाया। बादल ने केंद्र सरकार पर कथित रूप से प्रदर्शनकारी किसानों को "राष्ट्र-विरोधी" के रूप में पेश करने की कोशिश के लिए भी लताड़ा और केंद्र से मांग की कि केंद्र नए कृषि कानूनों को निरस्त करे। किसान चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए। यदि किसान इन कानूनों को नहीं चाहते हैं, तो क्यों। क्या आप उन्हें मजबूर क्यों कर रहे हो? बादल ने गुरुवार शाम को मीडिया से कहा, "पहले केंद्र की तरह नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) पर मजबूर करने की यह नीति, और अब वे चाहते हैं कि कार्यालयों में बैठते समय वे जो भी निर्णय लें, उसे बल द्वारा लागू किया जाए। बादल ने कहा, "यह एक लोकतांत्रिक देश है। अगर किसान कानून नहीं चाहते हैं। आपने देखा है कि सभी किसान संगठनों ने हाथ मिलाया है। किसान इन कानूनों को नहीं चाहते हैं और फिर वे कानून क्यों रख रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है।" उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के लिए आवाज का सामना करने और दबाने का रवैया बन गया है। अमेरिका ने दी 20 करोड़ टीकाकरण की अनुमति 20 दिसंबर के बाद फिर से खुलेगा पुरी का जगन्नाथ मंदिर अगले सप्ताह पूरे अमेरिका में पहुंचाई जाएगी 2.9 मिलियन कोरोना वैक्सीन