छत्तीसगढ़ में BJP का बड़ा कदम, इन 2 योजनाओं से हटाया राजीव गांधी का नाम

रायपुर: छत्तीसगढ़ में योजनाओं के नाम बदलने को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। इस विवाद में कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक हो गए हैं। हाल ही में सीएम विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर चल रही दो प्रमुख सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का निर्णय लिया है। इन योजनाओं के नाम बदलकर अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जा रहे हैं, जिस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे बीजेपी द्वारा राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कदम बताया है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार नई योजनाओं की कमी के कारण पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदलने में लगी हुई है। इस नामकरण के बदलाव को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, जिससे राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

योजनाओं के नाम बदलने का आदेश भाजपा सरकार ने 18 सितंबर को एक आधिकारिक आदेश जारी किया, जिसमें दो महत्वपूर्ण योजनाओं के नाम बदलने की घोषणा की गई थी। इसके तहत, राजीव गांधी स्वावलंबन योजना और राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किया जा रहा है। यह बदलाव 30 सितंबर को सरकारी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया, जिससे यह कदम औपचारिक रूप से लागू हो गया।

किन योजनाओं के नाम बदले गए हैं? राजीव गांधी स्वावलंबन योजना – इस योजना का उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना था, खासकर उन युवाओं और उद्यमियों के लिए जो नए व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। इस योजना का नाम अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना रखा गया है। राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना – यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुधारने पर केंद्रित थी, जिससे लोग स्थायी रोजगार प्राप्त कर सकें। इसका नाम अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना कर दिया गया है।

कांग्रेस की 2019 में योजनाओं के नाम बदलने की कार्रवाई यह विवाद इसलिए भी विशेष रूप से चर्चा में है क्योंकि 2019 में कांग्रेस सरकार ने भी इन योजनाओं के नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय से राजीव गांधी के नाम पर कर दिए थे। अधिकारियों के अनुसार, बीजेपी सरकार से पहले ये दोनों योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही थीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2019 में इनका नाम बदलकर राजीव गांधी के नाम पर कर दिया था।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह नाम परिवर्तन उसी स्थिति को बहाल करने के लिए किया गया है, जो पहले से स्थापित थी। राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साय ने कहा कि कांग्रेस ने 2019 में योजनाओं के नाम बदलकर एक गलत कदम उठाया था, जिसे अब बीजेपी सरकार ने सुधार लिया है।

कांग्रेस का विरोध और आरोप बीजेपी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी के पास कोई नई योजनाएं नहीं हैं और अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए वह नाम बदलने की राजनीति कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, "बीजेपी सरकार के पास कोई रचनात्मक योजना या नीति नहीं है। वह भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदलकर अपना काम दिखाने की कोशिश कर रही है। यह केवल नाम बदलने की राजनीति है, जो जनता को गुमराह करने का प्रयास है।"

कांग्रेस ने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने देश के विकास और तकनीकी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और उनके नाम पर योजनाओं का नाम रखना उचित है। उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल राजनीतिक लाभ के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम का इस्तेमाल कर रही है।

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