नई दिल्ली: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने सर्वोच्च न्यायालय से धार्मिक नाम और चुनाव चिह्न वाले सियासी दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए भाजपा को इस मामले में प्रतिवादी बनाने की मांग की गई है। याचिका में भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल के 'धार्मिक चिन्ह' होने का हवाला दिया गया है। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की पीठ के समक्ष मुस्लिम लीग की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता वकील दुष्यंत दवे सोमवार को पेश हुए। उन्होंने कोर्ट के समक्ष इसे लेकर कई दलीलें पेश कीं। एडवोकेट दवे ने अदालत से कहा कि, 'हमने इस मामले में कई दलों को शामिल करने को लेकर एक याचिका दाखिल किया है। इनमें भाजपा भी शामिल है जिसका चुनाव चिन्ह कमल है जो कि एक धर्मिक चिन्ह है।' मुस्लिम लीग की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि कमल एक धार्मिक प्रतीक है, जो हिंदू और बौद्ध धर्म से संबंधित है। मुस्लिम लीग ने अपनी याचिका में भाजपा के अलावा शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, हिंदू सेना, हिंदू महासभा, क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक फ्रंट और इस्लाम पार्टी हिंद जैसे 26 अन्य दलों को भी प्रतिवादी बनाने की मांग की गई है। IUML के याचिका में कहा गया है कि, 'हिंदू धर्म के मुताबिक, प्रत्येक मनुष्य के अंदर पवित्र कमल की भावना है। यह अनंत काल, पवित्रता, देवत्व को प्रदर्शित करता है। साथ ही यह सिंबल ऑफ लाइफ, उर्वरता, नवीनीकृत युवाओं के प्रतीक के रूप में उपयोग होता है। स्त्री की सुंदरता को बताने के लिए भी कमल के फूलों का प्रयोग होता है, खास तौर से महिलाओं की आंखों को लेकर। बौद्धों के लिए कमल का फूल इंसान की सबसे उन्नत अवस्था का प्रतीक है। यही नहीं... भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव और लक्ष्मी माता भी हिंदू धर्म में कमल के फूल से संबंधित हैं।' नक्सलियों पर झारखंड पुलिस का बड़ा एक्शन, लाखों का इनामी जोनल कमांडर गिरफ्तार, हथियार बरामद '19 नए जिले बनाए, लेकिन भिवाड़ी को छोड़ दिया..', अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक 'श्रद्धा हत्याकांड जैसे अपराध रोकने के लिए लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन हो..', SC ने कहा- ये मूर्खतापूर्ण विचार