इस्लामाबाद: लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं, जिसमें 293 सीटों के साथ भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन को लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है. वहीं, कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के INDIA गठबंधन को 234 सीटें प्राप्त हुईं है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा बीते दो चुनावों में अकेले बहुमत हासिल करती रही थी, लेकिन इस बार महज 240 सीटें ही पा सकी और बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई. हालाँकि, उसके गठबंधन NDA के पास सरकार बनाने हेतु पर्याप्त सीटें हैं। लेकिन, इन चुनावों में INDIA अलायन्स के जीतने की उम्मीद कर रहा पाकिस्तान करीबी नज़र रख रहा था और अब नतीजों पर पड़ोसी मुल्क से जमकर प्रतिक्रिया आ रही है. पाकिस्तान के राजनयिक और पत्रकार भाजपा की कम सीटों और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के बेहतर प्रदर्शन पर अपनी खुशी प्रकट कर रहे हैं. भारत में उच्चायुक्त रह चुके पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा हैं कि, ''सांप्रदायिक कट्टरता और भाजपा के प्रतिगामी “हिंदू राष्ट्र” को अस्वीकार करने के लिए भारत के लोग बहुत सराहना के पात्र हैं।'' अब्दुल बासित लोकसभा परिणामों की आड़ में कश्मीर का राग अलापने से भी पीछे नहीं हटे, उन्होंने लिखा कि, ''श्रीनगर से लेकर कारगिल तक भारतीय कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में भाजपा के समर्थकों की चुनावी हार ने बिना किसी संदेह के यह दिखा दिया कि कश्मीरी अपने आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए कितने दृढ़ संकल्पित हैं। उन्हें सलाम।'' वहीं, पाकिस्तान की पिछली इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी भी भारत के चुनावों पर लगातार बयान दे रहे थे। वे तो खुले आम कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कह चुके थे कि, किसी भी तरह मोदी सरकार को हटाना जरूरी है। वे राहुल गांधी के वीडियो और कांग्रेस के विज्ञापन भी अपने हैंडल से शेयर कर चुके हैं। अब नतीजों पर उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ''चूंकि भारत के चुनाव पर मेरी हर भविष्यवाणी लगभग सही साबित हुई, इसलिए मैं यह कहने का साहस करता हूं कि मोदी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उनकी सरकार के कार्यकाल पूरा करने की संभावना लगभग शून्य है, यदि INDIA गठबंधन अपने पत्ते ठीक से खेलता है तो भारत में मध्यावधि चुनाव होंगे।'' अब जब सारे पाकिस्तानी, INDIA अलायन्स के शानदार प्रदर्शन और भाजपा की कम सीटों पर ख़ुशी मना रहे हैं, तो पाकिस्तानी पत्रकार साबिर शाकिर कैसे पीछे रहते, उन्होंने पड़ोसी मुल्क के एक प्रमुख अख़बार के फ्रंट पेज की तस्वीर साझा करते हुए एक्स पर लिखा कि, 'संविधान और लोकतंत्र की सर्वोच्चता ने बल और नफरत को हराया, सबक सीखना चाहिए।' पाकिस्तानी पत्रकार ने जो तस्वीर शेयर की है उसमें अखबार के मुखपृष्ठ पर लिखा है, 'भारत ने नफरत को हराया, मोदी मुस्लिम हितैषी सहयोगियों की दया पर छोड़ दिए गए।' वहीं, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के मीडिया सलाहकार रह चुके उमर आर कुरैशी ने भी चुनावी नतीजों की ख़ुशी मनाई है और अपना वही पुराना राग अलापा है, जिसे पाकिस्तान अक्सर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आलापता रहा है कि भारत में मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा है। हालाँकि, ये बात आज की नहीं है, कांग्रेस की सरकारों के वक़्त भी पाकिस्तान यही आरोप लगाता था। उमर कुरैशी ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अपनी पोस्ट में लिखा है कि, ''भारतीय मुसलमानों को भाजपा नेता शैतान बताते हैं, भारतीय मुसलमानों को भाजपा नेता आतंकवादी कहते हैं, भारतीय मुसलमानों को भाजपा नेता घुसपैठिया कहते हैं, भारतीय मुसलमानों को भाजपा नेता पाकिस्तान जाने को कहते हैं, भारतीय मुसलमानों को भाजपा विवाह के अधिकार का प्रयोग करने से रोकती है, भारतीय मुसलमानों को भाजपा पढ़ाई करने और अपनी पसंद के कपड़े पहनने के अधिकार का प्रयोग करने से रोकती है, भारतीय मुसलमानों को उनकी खान-पान की आदतों के कारण मारा जाता है इसलिए उन्होंने भाजपा को वोट नहीं दिया।'' कुरैशी ने जो ट्वीट रिट्वीट किया है, उसमें लिखा है कि, 'इस चुनाव से मिला अहम सबक, आप चाहे कितना भी उनके लिए कर लेंगे, मुस्लिम आपको वोट नहीं देंगे.' पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी के पत्रकार हामिद मीर ने भी लोकसभा चुनाव के नतीजों पर ख़ुशी जाहिर की है है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, 'खुफिया एजेंसियों सहित सभी सरकारी संस्थाएं पीएम मोदी के पीछे खड़ी थीं और उनके लिए हर प्रकार से काम कर रही थीं. फिर भी प्रधानमंत्री की पार्टी को मनमुताबिक चुनाव परिणाम नहीं मिल सके, क्या भारत के चुनाव नतीजों में हमारे लिए कोई सबक है? या नहीं?' आखिर INDIA अलायन्स की जीत क्यों चाहता है पाकिस्तान ? दरअसल, इसके पीछे कुछ वैचारिक समानताएं हैं। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने का विरोध पाकिस्तान भी करता है और कांग्रेस भी। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बयान में खुलेआम कह चुके हैं कि, पार्टी सत्ता में आई तो 370 वापस लागू करेंगे। ये अनुच्छेद पाकिस्तान के लिए काफी फायदेमंद था। इसके जरिए कोई भी पाकिस्तानी कश्मीर की लड़की से शादी करके भारतीय कश्मीर का नागरिक बन जाता था, जबकि कोई भी दूसरे राज्य का भारतीय वहां जमीन नहीं खरीद सकता था। इसकी मदद से पाकिस्तान को आतंकवाद फैलाने में बहुत आसानी होती थी। कांग्रेस इसे हटाने का विरोध इसलिए करती है, क्योंकि भारत के मुस्लिम इसका विरोध करते हैं, जो कांग्रेस का मुख्य वोटबैंक है, ऐसे में पार्टी उसके पीछे खड़ी हो जाती है। इसके अलावा अयोध्या मामले पर भी पाकिस्तान और कांग्रेस का एक जैसा रुख है, दोनों उस स्थान पर राम मंदिर बनने के खिलाफ थे, कांग्रेस तो राम को सुप्रीम कोर्ट में काल्पनिक भी बता चुकी थी, ताकि ये सिद्ध हो जाए की जब राम ही काल्पनिक हैं, तो उनका जन्मस्थान कैसा और मंदिर कैसा ? नेहरू से लेकर इंदिरा, राहुल तक नेहरू-गांधी परिवार के कई नेता अफगानिस्तान में मौजूद 'बाबर' की कब्र पर जाकर आ चुके हैं, लेकिन इस परिवार का कोई भी सदस्य आज तक राम मंदिर नहीं गया है, यहाँ तक कि निमंत्रण मिलने के बाद भी। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में बयान दिया था कि, भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए, क्योंकि उसके पास परमाणु बम है। भारत को अपनी सैन्य ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए, क्योंकि इससे पाकिस्तान भड़ककर परमाणु मार सकता है। जबकि, मोदी सरकार का रुख शुरू से यही रहा है कि, जब तक पड़ोसी मुल्क आतंकवाद बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ बातचीत शुरू नहीं की जा सकती। इसके अलावा पाकिस्तान भी चाहता है कि, भारत में रह रहे मुस्लिमों को पर्सनल लॉ के हिसाब से चलने दिया जाए, कांग्रेस इसका वादा अपने घोषणापत्र में कर चुकी है, जबकि भाजपा एक देश एक कानून (UCC) की वकालत करती है। इसके अलावा भी कई चीज़ें हैं, जिसके लिए पाकिस्तान केंद्र में मोदी सरकार को हटाने के पक्ष में है और INDIA अलायन्स का समर्थन कर रहा है। आज लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करेगा NDA, नायडू ने TDP सांसदों को दी अहम सलाह राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया शेयर बाजार में हेराफेरी का आरोप, बताया देश का सबसे बड़ा घोटाला उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी, यूपी के कुछ क्षेत्रों में राहत की उम्मीद