भाजपा का 'मिला क्या' अभियान, झामुमो सरकार के वादों की क्या है सच्चाई?

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी में राजनीतिक दल जोर-शोर से जुट गए हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने "मिला क्या" नाम से एक बड़ा चुनावी अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सरकार के कार्यकाल की समीक्षा करना है। भाजपा के इस अभियान में जेएमएम सरकार द्वारा किए गए वादों और हासिल किए गए परिणामों के बीच के अंतर को उजागर किया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में 'मिला क्या' नामक एक चुनावी अभियान शुरू किया है। यह अभियान जेएमएम सरकार के वादों और परिणामों तथा असमानता का आकलन कर उसे उजागर करने का प्रयास करेगा। इस अभियान के तहत वर्तमान में प्रशासन की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े करना और उन क्षेत्रों को सामने लाना का भाजपा प्रयास करेगी जहां अपेक्षाएँ पूरी नहीं हुई। इस चुनावी अभियान का केंद्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार द्वारा किए गए कई प्रमुख वादों का मूल्यांकन करना है।

भाजपा ने सोरेन सरकार के पहले वर्ष के दौरान किए गए एक महत्वपूर्ण वादे पर प्रकाश डाला है, जिसमें युवाओं के लिए 1 लाख नौकरियां प्रदान करने का वादा किया गया था। भाजपा का कहना है कि यह प्रतिबद्धता काफी हद तक अधूरी है, क्योंकि कई युवा अभी भी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि सोरेन सरकार ने युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां प्रदान करने में कितनी सफलता प्राप्त की है और किन क्षेत्रों में उन्हें और सुधार करने की आवश्यकता है।

भाजपा ने सोरेन सरकार के कृषि ऋण माफी के वादे पर सवाल उठाया है। सोरेन सरकार ने ₹2 लाख तक के कृषि ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा का कहना है कि प्रदान की गई वास्तविक राहत ₹50 हजार तक ही सीमित है। भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि सोरेन सरकार ने किसानों के लिए कृषि ऋण माफी के मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है।

भाजपा के 'मिला क्या' अभियान का लक्ष्य सोरेन सरकार के निःशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के वादे पर सवाल उठाना है। भाजपा का तर्क है कि सोरेन सरकार ने कुछ पहल शुरू की हैं, लेकिन वे वादे के अनुसार व्यापक नहीं हैं। निःशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन सोरेन सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है।

भाजपा के अभियान में सोरेन सरकार के औद्योगिक विकास के वादे पर सवाल उठाया गया है। सोरेन सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और झारखंड में प्रमुख उद्योगों को आकर्षित करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा का कहना है कि इसमें बहुत कम प्रगति हुई है। भाजपा का तर्क है कि सोरेन सरकार की असफलता के कारण राज्य संभावित आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के अवसरों से चूक गया है।

भाजपा के 'मिला क्या' अभियान में सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के वादे पर सवाल उठाया गया है। सोरेन सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा का कहना है कि इसमें बड़ा अंतर है।

भाजपा ने अपने अभियान में सोरेन सरकार के भूमि कानून संशोधन विरोध पर सवाल उठाए है। आदिवासी भूमि के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देने के लिए भूमि कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव का सोरेन सरकार ने विरोध किया था।

भाजपा ने सोरेन सरकार के शराब प्रतिबंध के वादे पर सवाल उठाए हैं। झारखंड में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध का वादा किया गया था, लेकिन आंशिक रूप से लागू किया गया है, केवल कुछ खास क्षेत्रों में प्रतिबंध है। भाजपा ने कहा है कि यह सरकार की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह से पूरा करने में विफलता का उदाहरण है।

भूख से हुई मौतों की सीबीआई जांच शुरू करने के वादे पर भाजपा ने सोरेन सरकार पर सवाल उठाए हैं। राज्य में भूख से हुई मौतों की सीबीआई जांच शुरू करने के वादे में कोई खास प्रगति नहीं देखने को मिली है।

सोरेन सरकार के वादों की जांच: क्या हुआ वादों का?

झारखंड में गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये की आय देना झारखंड में आधार के जरिए महिलाओं को 50,000 रुपये का लोन देना पंचायतो में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा स्थापित करना नवविवाहित दुल्हनों को सोने का सिक्का देना गरीब विधवाओं के लिए वित्तीय भत्ता देना झारखंड में विवाहित बहनों को घरेलू खर्च के लिए 2,000 रुपये का मासिक भत्ता देना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'मिला क्या' अभियान को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है, जो सरकार के वादों और प्रदर्शन में अंतर को उजागर कर रहा है। नागरिक रोजगार सृजन, कृषि ऋण राहत, बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर अपनी चिंताएँ व्यक्त कर रहे हैं। जनता की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि लोग सरकार से निराश हैं। यह प्रतिक्रिया भाजपा की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मतदाताओं में व्याप्त निराशा को दर्शाती है।

भाजपा द्वारा उठाए गए मुद्दों को उजागर करके, पार्टी का लक्ष्य खुद को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सरकार के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में स्थापित करना है। अधूरी जरूरतों को पूरा करने के साथ पाई गई कमियों को दूर करने का भाजपा वादा करती है। भाजपा का उद्देश्य झामुमो सरकार की कमियों को उजागर करके खुद को एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना है।

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