अहमदाबाद : इसमें कोई शक नहीं कि इस बार गुजरात विधान सभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है .इसमें हार्दिक पटेल का पाटीदार आरक्षण प्रमुख है. साथ ही कांग्रेस भी दमखम से चुनाव लड़ रही है.ऐसे में सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए नया प्लान बनाया है. उल्लेखनीय है कि इस बार गुजरात में भाजपा के लिए परिस्थितियां बदली हुई हैं.एक ओर सत्ताधारी पार्टी को लेकर उभर रहे गुस्से को भुनाने में कांग्रेस जुटी हुई है.विकास को लेकर किया गया उसका कटाक्ष 'विकास गांडो थयो छे' सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड हुआ .वहीँ दूसरी ओर गुजरात के पाटीदारों में बीजेपी का विरोध मुखर हो रहा है.पाटीदार इलाकों में 'धारा 144 ' लगा दी गई है अर्थात 'बीजेपी वाले यहां वोट मांगने न आएं.' के बैनर लगा दिए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार इन्हीं सब हालातों को देखते हुए इस प्लान के तहत भाजपा ने दो बार से ज्यादा बार रहे विधायक को टिकट न देने का फैसला किया है . यह फार्मूला पार्टी दिल्ली नगर निगम चुनाव में आजमा चुकी है.जहाँ पार्टी ने एमसीडी के तीनों जोन में बड़ी जीत हासिल की थी.हालाँकि इस फार्मूले में गुजरता के उन युवा विधायकों को छूट मिल सकती है, जिन्होंने अपनी लोकप्रियता बरक़रार रखी है. अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आखिर ऊंट किस करवट बैठता है. यह भी देखें 52 साल बाद खुला गुजरात के पूर्व सीएम की मौत का राज़ सूरत में पाटीदार और बीजेपी समर्थक भिड़े