मध्यप्रदेश/ इंदौर : कालेधन पर नकेल कसने के लिए पीएम मोदी द्वारा नोट बंदी की घोषणा करते ही देशभर में उथल-पुथल मच गई. बड़े बड़े धन्ना सेट और कालेधन को अपने खजाने में वर्षो से संजोने वाले लोगो के माथे पर चिंता दिखाई देने लगी और वह अपने कालेधन को इधर-उधर करने के उपाय खोजने लगे. जैसे ही इस फैसले को लागू किया गया उसके बाद से ही देशभर में कालेधन को सफ़ेद करने कि कालाबाज़ारी शुरू हो गई, तो आइए न्यूज़ ट्रैक आपको बताएगा की किस तरह से लोग अपनी काली तिजोरियो को सफ़ेद करने में लगे है... नोट बंदी का यह फैसला काफी हद तक तो दुरुस्त है लेकिन पूरी तरह से कालेधन की जड़ ख़त्म नही होने वाली क्योकि नोट बंदी की घोषणा होते ही कई जगहों पर ब्लैक मनी को वाइट करने की धांधली शुरू हो गई. भले ही सरकार यह सोच रही है कि नोट बंद करके कालाधन बिलकुल ख़त्म हो जाएगा जो कि बिलकुल गलत है. सोशल मीडिया के मुताबिक कई जगह से ऐसी खबरे सामने आ रही है कि आज के दौर में इस देश में कई ऐसे लोग है जिन्होंने इसका समाधान निकाल लिया है और बड़ी ही सफाई से अपने काले खजाने को सफ़ेद करने में लगे हुए. जैसा कि सभी जानते है कि किसानों को टैक्स नही भरना पड़ता है तो ऐसे में बड़े बड़े जालसाज मौके का फायदा उठाते हुए उनके अकाउंट में पैसो का ट्रांजेक्शन करने लगे है. कई जगहों से सुनने को मिल रहा है कि किसानों को जमीन और घर पर मिलने वाले क्रॉप लोन के नाम पर कई बैंक फर्जी तरीके से उनके खातों में कालेधन को ठिकाने लगाने में लगे है. जालसाजी के इस काम को बैंक प्रबंधक और कर्मचारी, ब्लैक मनी रखने वाले लोगो से मिलकर बखूबी अंजाम दे रहे है. किसानों और गरीबो को महज चंद रुपयो का लालच देकर अपने कालेधन को उनके खातों में जमा कर बचाने में लगे हुए है.. हालांकि जिन लोगो के पास ईमानदारी के पैसे है और जिनके पास बिलकुल कलाधन नही है वो सरकार के इस फैसले से काफी हद तक समर्थन कर रहे है. कहने का मतलब स्पष्ट है कि सरकार चाहे कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन इस देश से कालाधन इतनी आसानी से ख़त्म नही होने वाला है. संदीप मीणा