स्किन का सफेद या पीला पड़ना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस करना और बॉडी में दर्द रहना, ये ब्लड डिसऑर्डर के संकेत हो सकते हैं। जी हाँ और ये ब्‍लड या बोन मैरो की समस्या के कारण होता है। आप सभी को बता दें कि एनीमिया, ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर, हेमोफीलिआ और ब्‍लड क्‍लॉट्स ब्लड डिसऑर्डर के ही सामान्य रूप हैं। वहीं ह्यूमन बॉडी में खून की कमी होना ब्‍लड डिसऑर्डर कहलाती है। वैसे तो आमतौर पर ब्‍लड डिसऑर्डर की समस्‍या किसी इंफेक्‍शन, टॉकसिक एक्‍सपोजर, दवा के साइड इफेक्‍ट या आयरन, विटामिन के, विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्‍वों की कमी के कारण होती है। वहीं थकान, बेहोशी, आसामान्‍य हार्ट बीट, ब्रीदिंग प्रॉब्‍लम आदि इसके शुरुआती लक्षण माने जाते हैं। जी दरअसल कई मामलों में ब्‍लड डिसऑर्डर अनुवांशिक भी हो सकता है। आइए आपको बताते हैं ब्‍लड डिसऑर्डर के अन्य लक्षणों के बारे में। क्या है ब्लड डिसऑर्डर- बोन मैरो हड्डियों के भीतर एक फैटी एरिया होता है जो नए रेड ब्‍लड सेल्‍स, व्‍हाइट ब्‍ल्‍ड सेल्‍स और प्‍लेटलेट्स को प्रोड्यूस करता है। जी हाँ और जब इनमें से किसी भी सेल्‍स में परेशानी होती है या प्‍लाज्‍मा में क्लॉटिंग होने लगती है तब बॉडी में ब्‍लड डिसऑर्डर की समस्‍या आने लगती है। ब्‍लड डिसऑर्डर के लक्षण- एनीमिया: रेड ब्‍लड सेल्‍स घटने से एनीमिया की समस्या हो जाती है। जी हाँ और इसके सामान्‍य लक्षण हैं चक्‍कर आना, सांस लेने में परेशानी या हार्ट रेट का बढ़ना। थ्रोम्‍बोकाइटोपेनिया: प्‍लेटलेट्स कम होने से ये बीमारी होती है। इसमें मुंह और नाक से ब्‍लीडिंग होती है। हेमोफीलिया: पुअर क्‍लॉटिंग इसका प्रमुख कारण है, जिसकी वजह से ब्लीडिंग बढ़ जाती है। ऐसे में मसल्‍स और ज्‍वाइंट्स पेन शुरुआती लक्षण दिखने लगते हैं। ब्‍लड क्‍लॉट्स: कंधे व पैरों में सूजन इसका प्रमुख लक्षण है। वजन कम करने से लेकर किडनी स्‍टोन तक में फायदेमंद है कॉर्न सिल्क चाय दूध में मिलाकर पियें ये चीज, मजबूत होंगी हड्डियां सावन में झूला झूलने से होते हैं बड़े फायदे, जानिए यहाँ