मुंबई: महाराष्ट्र में प्रति वर्ष गणेशोत्सव भव्य तरीके से मनाया जाता है. गत वर्ष कोरोना महामारी के आउटब्रेक के असर उत्सव पर पड़ा था. अब इस साल भी बृहनमुंबई मुनसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने सिर्फ 16 फीसदी पांडालों को ही मंजूरी दी है. दरअसल BMC के पास पांडाल लगाने के लिए कुल 1273 मंडल के आवेदन आए थे, जिनमें से 519 को मंजूरी दी गई है. महामारी के पहले तक BMC के पास लगभग 3000 आवेदन आया करते थे. BMC ने गणेशोत्सव पांडालों के बेहद कड़े नियम रखे हैं. गणेशोत्सव 10 सितंबर से आरंभ हो रहा है. महामारी का असर बाजारों में भी नज़र आ रहा है. गणेश भगवान की मूर्तियों की बिक्री में भी गिरावट आई है. मूर्ति कलाकार विनय जिल्का कहते हैं कि, लोग बड़ी प्रतिमाएं खरीदने से बच रहे हैं, क्योंकि अभी विसर्जन के नियमों को लेकर स्पष्टता नहीं है. जब कोरोना नहीं था, तब हम लोगों के पास बहुत अधिक काम होता था और वर्कशॉप पर बिल्कुल समय नहीं मिलता था. अब नई गाइडलाइंस के अनुसार, पांडाल में चार फुट और घरों में दो फुट तक की प्रतिमा को आदर्श बताया गया है. वहीं पांडाल में दर्शन पर बैन है. दर्शन ऑनलाइन ही किए जा सकते हैं. पांडाल के भीतर केवल पांच पांडाल कार्यकर्ता ही रह सकते हैं. जियो ने हाई-एंड यूजर्स हासिल करने के लिए स्मार्टफोन बंडलिंग को बढ़ाया आगे डीयू शिक्षक संघ ने एनईपी 2020 के तहत 4 साल के पाठ्यक्रम का किया विरोध केंद्र की 6 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति मुद्रीकरण योजना का ध्वजवाहक होगा NHAI