सारण: बिहार के सारण जिले के मशरख प्रखंड स्थित गंडामन गांव में आज भी मातम है। 9 वर्ष पूर्व इसी गांव में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी। घटना में प्राचार्य की लापरवाही सामने आई थी। उनके खिलाफ केस चला तथा उन्हें सजा भी हुई, मगर इस आपराधिक लापरवाही को याद कर लोग आज भी काँप जाते हैं। मध्याह्न भोजन योजना के निवाले से जान गंवाने वाले नवसृजित विद्यालय के 23 बच्चों की बरसी 16 जुलाई शनिवार को मनाई गई। 9 वर्ष पूर्व 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के धरमासती बाजार के समीप गंडामन गांव के सामुदायिक भवन में प्राथमिक स्कूल चल रहा था। यहां मध्याह्न भोजन खाने से 23 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जब यह घटना घटी थी तो लोगों ने उम्मीद लगा ली थी कि उनसे मिलने मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता या कोई अफसर आएंगे, मगर कोई नहीं पहुंचा। बीते वर्ष तक तो बरसी में प्रखंड स्तर के सरकारी अफसर सम्मिलित होते थे, मगर इस बार नौवीं बरसी में कोई भी सरकारी अफसर नहीं पहुंचा। वही बच्चों की याद में गांव में स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया है जो जर्जर हो गया था। इस बार पंचायत के मुखिया ने अपने कोष से इसकी मरम्मत करा दिया है। गंडामन गांव में जिन घरों के बच्चे के मारे गए, उनके घर एक बार नौवीं बरसीं पर फिर मातम का दौर है। इस हृदय-विदारक घटना की यादें ताजा होते ही गांव के प्रत्येक व्यक्ति की आंखें नम हो जा रही हैं। लगभग-लगभग हर दूसरे घर के बच्चे को इस घटना ने लील लिया। वही शनिवार को इस घटना की 9वीं बरसी पर बच्चों के स्मारक पर एक बार फिर सभी एकत्रित हुए तथा फूल-माला चढ़ा कर हवन पूजन कर अब कभी नहीं लौटने वाले अपने बच्चों को प्यार-दुलार देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। जज को 'हत्या' की धमकी देने वालों को हाई कोर्ट ने दी जमानत, हिजाब विवाद से जुड़ा है मामला लखनऊ: लूलू मॉल के बाहर फिर बवाल, हिरासत में लिए गए 15 लोग अचानक भरभराकर गिर गई स्कूल भवन की दीवार, मलबे के नीचे अटकी सांसें