नई दिल्ली: ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उनकी एक और याचिका को खारिज कर दिया है. परेशानी का अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि न्यायधीशों ने चंदा कोचर की याचिका को सुनने लायक भी नहीं समझा. पूर्व MD और CEO चंदा कोचर ने अपने नौकरी से निकाले जाने के फैसले को चुनौती देते हुए 30 नवंबर 2019 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. कोचर के वकील विक्रम नानकनी ने दलील दी थी कि बैंक ने कोचर के स्वैच्छिक त्यागपत्र को पांच अक्टूबर 2018 को मंजूर कर लिया था. इसलिए बाद में उन्हें नौकरी से निकाला जाना गैर कानूनी है. ICICI Bank के वकील ने कहा कि कोचर से संबंधित विवाद अनुबंध पर आधारित है और यह एक प्राइवेट संस्था का विषय है. बैंक के वकील दारियस खंबाटा ने इससे पहले कोर्ट में दलील दी थी कि संविधान की धारा-226 के तहत ऐसे मामलों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती. यह धारा उच्च न्यायालयों को ऐसे मामलों में दिशा निर्देश देने, आदेश देने या रिट जारी करने का अधिकार प्रदान करता है. इस सुनवाई के बाद अदालत ने चंदा कोचर की उनके पद से हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दी है. जस्टिस एनएम जामदार और MS कार्निक की खंडपीठ ने कोचर की याचिका को सुनवाई लायक नहीं मानने की ICICI बैंक की दलील को स्वीकार कर लिया. मंदी की मार झेल रहे जयपुर के ज्वैलर्स को मिल सकती है राहत, आयात शुल्क हटने की संभावना बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स निफ्टी में आयी तेजी 15 नई घरेलू उड़ानें शुरू करेगी इंडिगो, टिकिट का दाम जान रह जाएंगे हैरान