मुंबई. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र सरकार द्वारा अरब सागर में छत्रपति शिवाजी की प्रस्तावित स्मारक के प्रोजेक्ट को लेकर काफी बहसबाजी चल रही थी और कई लोगों ने इस स्मारक के निर्माण को रोके जाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. लेकिन अब कोर्ट ने इस स्मारक पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. पाकिस्तान: आसिया बीबी हुई ईशनिंदा के आरोपों से बरी, गर्माया माहौलमद्रास हाईकोर्ट ने लगाया आॅनलाइन दवा ब्रिकी पर प्रतिबंध बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज महाराष्ट्र सरकार के इस महत्वकांशी प्रोजेक्ट पर रोक लगाने को लेकर दाख़िल की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस स्मारक के निर्माण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार इस योजना के तहत मुंबई में अरब सागर तट पर छत्रपति शिवाजी की 192 मीटर ऊँची प्रतिमा बनाने जा रही है. यह प्रतिमा अपने निर्माण के बाद दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. इस प्रतिमा के निर्माण की कुल अनुमानित लागत 3600 करोड़ रूपए है. आज सुप्रीम कोर्ट में शामिल होंगे चार नए न्यायाधीश, तेज होगी न्याय प्रक्रियाँ ऐसे में महाराष्ट्र के कई लोगों और NGO भी इस विशाल प्रतिमा के निर्माण का विरोध करते हुए कह रहे है कि राज्य में अभी सूखे के हालत बहे हुए है और ऐसे ही कई अन्य गंभीर मुद्दे भी है जिन पर धन लगा कर उनकी स्थिति को सुधारा जा सकता है. और ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा इन मुद्दों पर ध्यान देने की बजाये एक मूर्ति के निर्माण पर 3600 करोड़ रूपए खर्च करना ठीक नहीं है. ख़बरें और भी बोफोर्स घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की अपील को किया ख़ारिज, यह हैं वजह पटाखों पर लगे बैन से पटाखा कारोबार को हुआ करोड़ों का नुकसान राम मंदिर को लेकर आरएसएस ने बढ़ाया बीजेपी पर दवाब बोफोर्स घोटाला: सीबीआई की अपील पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा अहम सुनवाई