बृहस्पतिवार को बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि रैलियां और सार्वजनिक सभाएं सेफ्टी वाल्व के तौर पर काम करती हैं. पुलिस सार्वजनिक सभा करने की इजाजत देने से मात्र इस आधार पर इनकार नहीं कर सकती है कि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी. दिल्ली : अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप इस खास क्लास में होगी शामिल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीठ ने उक्त टिप्पणी भीम आर्मी के एक नेता की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए की जिसमें उन्होंने 22 फरवरी को रेशिमबाग मैदान में रैली को अनुमति नहीं देने के पुलिस के फैसले को चुनौती दी है. पीठ ने कहा कि मौलिक अधिकारों में कटौती नहीं की जानी चाहिए. रेशिमबाग मैदान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय के करीब है. महाशिवरात्रि : मोदी-शाह समेत कई नेता बोले हर हर महादेव, देशवासियों को दी बधाई आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर इस रैली को संबोधित करने वाले हैं. हालांकि कोटवाली पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर रैली को मंजूरी देने से इनकार कर दिया. जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस माधव जामदार ने कहा कि ऐसी रैलियां और सभाएं सेफ्टी वाल्व की तरह काम करती हैं. दमन बहुत खतरनाक है. हवा में उड़ते होटल से कम नहीं है डोनाल्ड ट्रम्प का विमान, जानिए 'Air Force One' की खासियत राहुल गाँधी को फिर मिलेगी कांग्रेस की कमान, अप्रैल में चुने जा सकते हैं पार्टी अध्यक्ष बेटी ने लगाए ‘पाकिस्‍तान जिंदाबाद’ के नारे, आहत पिता बोले-कुछ मुस्लिमों के साथ जुड़ गई हैं...