तेजपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो मदन शर्मा ने असमिया भाषा आंदोलन और 1960 के रक्तपात पर एक पुस्तक का विमोचन किया। शनिवार को जोरहाट के मालो-अली स्थित भारतीय भवन में आयोजित एक समारोह में पुस्तक का विमोचन किया। डॉ. देवव्रत शर्मा द्वारा तीन साल के श्रमसाध्य शोध के बाद om असोमिया जाति ज्ञान प्रोक्टोरिया (दूसरा भाग), असोमट भासा एंडोलोनर ट्रेजिक ट्रायोलॉजी और 1960 सनार भास एंडोलोन ’नामक 700-पृष्ठ की पुस्तक प्रकाशित की गई है। जंहा इस बात का पता चला है कि शोधकर्ता डॉ. देवव्रत शर्मा ने इस पुस्तक को लिखा है। उन्हें इस परियोजना में दयासागर कलिता द्वारा सहायता प्रदान की गई थी। वह असमिया में सबसे बड़े व्यापक शब्दकोश के मुख्य संपादक 'असोमिया जाति अभिधन' भी हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि असम में एक आधिकारिक भाषा के रूप में असमिया की स्थापना को लेकर भड़की हिंसा के दौरान 150 लोग मारे गए, 10,000 घर जल गए। देवव्रत शर्मा ने कहा कि हिंसा के पीछे के कारणों और ताकतों का पता लगाने के लिए शोध किया गया। जोरहाट जाति विद्यालय की प्रिंसिपल संताना शर्मा द्वारा असमिया अनुवाद 'ब्रेस्ट कैंसर की राजनीतिक अर्थव्यवस्था' के संस्करण का अनुवाद किया गया और संतान शर्मा द्वारा लिखित नारीवाद, बच्चों और आदिवासी महिलाओं से संबंधित चार नाटक भी उसी कार्यक्रम में जारी किए गए। अरुणाचल प्रदेश में कोरोना का कहर, फिर बढ़ी कोरोना मरीज़ों की संख्या तालाब से बरामद हुई भाजपा कार्यकर्ता की लाश, 24 घंटे के अंदर बंगाल में दूसरी हत्या केजरीवाल के अनशन को अमरिंदर ने बताया 'नाटक', बोले - उन्होंने किसानों की पीठ में छूरा भोंका