बीजिंग: चीन और भारत पिछले पांच मई से पूर्वी लद्दाख में एक सैन्य गतिरोध में बंद हैं। पूर्वी लद्दाख में आमने-सामने के समाधान के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। सीमा तनाव के बीच चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए, यहां तक कि इसने विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी का भी स्वागत किया कि उनके संबंधों और बीजिंग के साथ संबंधों से जुड़ी नई दिल्ली का महत्व क्या है। चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट की गई टिप्पणियों में झाओ ने कहा- "चीन-भारत संबंधों के महत्व पर विदेश मंत्री जयशंकर का तनाव भारतीय पक्ष को चीन के साथ अपने संबंधों से जुड़े महत्व को दर्शाता है। हम इसे स्वीकार करते हैं।" उन्होंने आगे कहा- "इस बीच मुझे यह ध्यान देने की जरूरत है कि सीमा का मुद्दा द्विपक्षीय संबंधों से जुड़ा नहीं होगा। यह पिछले दशकों में दोनों देशों के प्रयासों के माध्यम से सीखा गया एक महत्वपूर्ण सबक है, जिससे हमारे संबंधों को आगे बढ़ाया जा सके।" गैर यूरोपीय संघ के देशों से अपनी सीमाओं को बंद करेगा फ्रांस यूक्रेन रूसी सी-टीके के उपयोग पर लगाया प्रतिबंध जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस