न्यायिक इतिहास में मद्रास उच्च न्यायालय एक अनोखे लम्हे का गवाह बना। किन्तु ये किसी जजमेंट को लेकर नहीं बल्कि जजों के शपथ ग्रहण को लेकर था। दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय में प्रथम बार कोई पति-पत्नी जज बने तथा दिलचस्प बात ये रही कि दोनों ने एक ही दिन शपथ ग्रहण की। ज्यूडिशयरी के इतिहास में दूसरी बार ऐसा हुआ है। आपको बता दें की न्यायमूर्ति मुरली शंकर कुप्पुराजू तथा न्यायमूर्ति तमिलसेल्वी टी वलयापलायम ने बृहस्पतिवार (3 दिसंबर) को मद्रास उच्च न्यायालय में जज की शपथ ली। इस दौरान अधिवक्ता जनरल विजय नारायण ने कहा कि न्यायमूर्ति मुरली शंकर ने जस्टिस तमिलसेल्वी से विवाह किया है। मद्रास उच्च न्यायालय के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ है कि पति तथा पत्नी ने जज के पद की एक ही दिन शपथ ली है। ऐसा करके उन्होंने न्यायिक इतिहास रच दिया है। फिलहाल, मद्रास उच्च न्यायालय में दंपती के अतिरिक्त 8 अन्य जजों ने भी शपथ ली। जब न्यायमूर्ति मुरली शंकर तिरुचि में प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट तथा सेशन जज के तौर पर कार्यरत थे तथा उनकी पत्नी जस्टिस तमिलसेल्वी मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै बेंच में रजिस्ट्रार (न्यायिक) के तौर पर नियुक्त थीं, तब दोनों ने वर्ष 1996 में विवाह किया था। हालांकि ये कोई प्रथम अवसर नहीं है जब कोई पति-पत्नी उच्च न्यायालय में एक साथ जज बने हों। अधिवक्ता जनरल विजय नारायण ने बताया कि इसके पूर्व नवंबर 2019 में पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय में एक ही दिन जस्टिस विवेक पुरी तथा जस्टिस अर्चना पुरी ने शपथ ली थी तथा ये दोनों भी पति-पत्नी थे। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों में भाजपा को बड़ा झटका, 6 में से महज 1 सीट पर मिली जीत मोहब्बत के आगे छोटी पड़ गई बॉर्डर, दूसरे देश से पैदल चलकर भारत पहुंची दुल्हन चीन के लिए जासूसी करने वाले गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा को मिली जमानत