चीन के कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद से देश की गारमेंट इंडस्ट्री को फायदा और नुकसान दोनों दिख रहा है। इसके साथ ही इस मिश्रित प्रभाव से गारमेंट सेक्टर में काफी चिंता देखी जा रही है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि चीन में संकट को देखते हुए विदेशी खरीदारों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है, जो सेक्टर के लिए अच्छी बात है। परन्तु उनके ऑर्डर को पूरा करने में घरेलू कंपनियों की लागत बढ़ गई है। वहीं इसकी वजह यह है कि गारमेंट एवं टेक्सटाइल इंडस्ट्री में डाइंग केमिकल जैसे कच्चे माल का आयात चीन से किया जाता है।इसके साथ ही इनकी आपूर्ति इस समय पूरी तरह से बंद है। वहीं ऐसी स्थिति में देश में इनका मौजूदा स्टॉक महंगा हो रहा है।वहीं डाइंग केमिकल के रेट में 20 से 25 फीसद की तेजी आ गई है। वहीं इससे उत्पादन लागत बढ़ने लगी है। इसके साथ ही जानकारों का कहना है कि जो भी विदेशी खरीदार अभी भारतीय कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं, वह उनकी तात्कालिक जरूरत पर आधारित हैं।वहीं इस प्रकार के ऑर्डर सबसे अधिक रेडीमेड गारमेंट को लेकर आ रहे हैं।इसके अलावा निर्यातकों की मानें तो अभी भी बड़ी संख्या में विदेशी बायर्स को चीन में स्थिति के संभलने का इंतजार है। वहीं इसके बाद उनका ऑर्डर फिर से चीन को मिलने लगेगा।आपको बता दें की उन्हें लग रहा है कि दो से तीन माह में वहां स्थिति संभल जाएगी। इसके साथ ही टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अनिल जैन का कहना था कि कोरोना वायरस संकट से रिटेल कारोबार में कमी आ रही है| वहीं विदेशी बायर्स की ओर से सिर्फ तात्कालिक ऑर्डर ही दिए जा रहे हैं। वहीं ऐसी स्थिति में उद्योगों को दूरगामी लाभ मिलने की संभावनाएं काफी कम नजर आ रही हैं। वहीं कोरोना वायरस को लेकर रिटेल मार्केट पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से मॉल्स या मार्केट में लोगों का आना-जाना काफी कम हो गया है। इसका सबसे अधिक असर गारमेंट की खरीद पर दिख रहा है। Gold Futures Price: सोने की वायदा कीमत में आयी भरी गिरावट, जाने नयी कीमत Share Market : शेयर बाजार में आया भूचाल, Sensex गिरा धड़ाम कोरोना वायरस: Go Air ने मुसाफिरों को दी बड़ी राहत, नहीं वसूलेगा कैंसलेशन चार्ज