मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर के हॉस्पिटल में भर्ती सुनीता ये चुभते हुए प्रश्न पूछते-पूछते रो पड़ती हैं। यूटरस में इंफेक्शन होने पर सुनीता एक नर्सिंग होम मके उपचार करवाने के लिए गई हुई थी। वहां डॉक्टर ने उनकी दोनों किडनी निकाल लीं और भाग गया। अब सुनीता का इलाज मुजफ्फरपुर के SK मेडिकल कॉलेज (SKMCH) में चल रहा है। हालत दिन ब दिन खराब और भी तेजी से बिगड़ती जा रही है। हर दो दिन में उनका डायलिसिस करना पड़ता है। कई लोग किडनी देने आगे आए, लेकिन मैच न होने के चलते ट्रांसप्लांट नहीं हो सका है। विश्वास पर जिस नर्सिंग होम में उपचार कराया, वहां दोनों किडनी चोरी कर ली गईं। जिस पति ने सुख-दुख में साथ रहने का वादा किया वह बीच मंझधार में छोड़कर भाग गया। तीन बच्चे हैं। पति उन्हें मेरे पास छोड़कर चला गया। मजदूरी करके इन्हें पाल रही थी। अब अस्पताल में भर्ती हूं। मौत के दिन गिन भी गिनने में लगी हुई हूँ। पता नहीं कितने दिन की जिंदगी बची है। लेकिन मेरी गलती क्या थी, मेरे बाद इन बच्चों का क्या होगा, ये किस तरह जिंदा रहेंगे? मेरे बाद इन बच्चों का क्या होगा?: बता दें कि सुनीता के तीन बच्चे भी मासूम निगाहों से अपनी मां की हालत देखते ही रहते है और कुछ कर भी नहीं पाते। जब कोई सुनीता को देखने आता है तो वह उनसे यही प्रश्न पूछती है कि इन मासूमों का क्या कसूर है, मेरे बाद इनका क्या होगा? कुछ दिनों पहले तक सुनीता का पति अकलू राम भी उसके साथ ही था। वह किडनी देने के लिए भी तैयार था, लेकिन उसकी किडनी भी मैच नहीं हो पाई। किसी बात को लेकर अकलू राम की सुनीता से लड़ाई हुई और वो तीनों बच्चों को उसके पास छोड़कर भाग गया। जाते-जाते उसकी कही बात सुनीता के जख्मों को और हरा कर गई। दिल्ली: घर में घुसकर वृद्ध महिला की हत्या, लूट और क़त्ल का केस दर्ज शहर में आपत्तिजनक नारे लगाने वाले लोगो को पुलिस ने धरदबोचा गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान, प्रदेश में सर नहीं उठा सकेंगे PFI जैसे संगठन