कोरोना प्रकोप का व्यापक असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है. वही, भारत सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम में अपनी पूरी 52.98 फीसद की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाने की समयसीमा को तकरीबन एक माह के लिए बढ़ाकर 13 जून कर दिया है. इससे पहले सरकार की हिस्सेदारी के लिए आशय पत्र या बोली जमा करने की अंतिम तारीख दो मई थी. एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि रुचि दिखाने वाले बोलीदाताओं के आग्रह एवं COVID-19 की वजह से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए बोली प्रस्तुत करने की समयसीमा को 13 जून की शाम पांच बजे तक के लिए बढ़ाया जा रहा है. कोरोना: RBI गवर्नर की अपील - नकद लेन-देन से बचें, डिजिटल ट्रांसक्शन करें इस बदलाव को लेकर आशय पत्र आमंत्रित करने के लिए जारी नोटिस में कहा गया है कि भारत सरकार BPCL में 114.91 करोड़ इक्विटी शेयरों (BPCL का 52.98%) की अपनी पूरी हिस्सेदारी का रणनीतिक विनिवेश करना चाहती है. इसके तहत खरीदार को कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी सौंप दिया जाएगा. हालांकि, इस बिक्री में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) में बीपीसीएल की 61.65 फीसद की हिस्सेदारी शामिल नहीं है. NRL की हिस्सेदारी सरकारी स्वामित्व वाली किसी पेट्रोलियम और गैस कंपनी को बेची जाएगी. कोरोना का कहर, 17 साल के निचले स्तर पर पहुंचे कच्चे तेल के दाम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि BPCL की रणनीतिक बिक्री दो चरण में होगी. पहले चरण में आशय पत्र जमा करने वाले पात्र बोलीदाता को दूसरे चरण में वित्तीय बोली लगाने के लिए कहा जाएगा. ऑफर डॉक्यूमेंट के मुताबिक कोई भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकती है. कोरोना: सोने के दामों में लगने वाली है आग, जानिए कितने बढ़ जाएंगे भाव लॉक डाउन के बीच संभला बाजार, सेंसेक्स में 800 अंकों की बढ़त क्या एक जुलाई से शुरू होगा नया वित्त वर्ष ? जानिए हकीकत