पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गरीब परिवारों की पहचान के लिए बीपीएल आयोग का गठन करने की सिफारिश की है। इस तरह के आयोग गरीबी का मानक तय करेगी और फिर उनकी सूची बनाएगी। शुक्रवार को सीएम पटना में भारत में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर आयोजित की गई बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष और टास्क फोर्स के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भी मौजूद थे। सीएम ने कहा कि कोई भी योजना लोगों पर विश्वास करके बनाई जानी चाहिए। लोग अपने भले के बारे में स्वंय सोचें। बिहार का उदाहरण देते हुए नीतीश ने कहा कि बालक-बालिका साइकिल योजना के तहत सरकार ने लाभार्थियोंम को सीधे पैसे दिए। यह योजना सफल रही, इसी प्रकार गरीबों के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं में इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि पैसा उन तक ही पहुंचे। आगे नीतीश ने कहा कि हर राज्य में गरीबी का मानदंड अलग-अलग हो सकता है। पिछड़े राज्यों को राषअठ्रीय औसत पर लाने के लिए नई सोच के साथ नीतिनुसार पहल भी आवश्यक है। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्यों कि आबादी औऱ गरीबी के लिहाज से यह क्षेत्र काफी बड़ा है। राज्यों से मिलने वाले सुझाव के आधार पर गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और सामाजिक कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार होगी। श्री पनगढिया ने कहा कि बिहार ने पिछले दस सालों में बेहतर विकास दर के साथ प्रगति की है।