नई दिल्ली: मार्च 2022 में गलती से ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान की तरफ दागने के बाद इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों को बर्खास्त करने के अपने निर्णय को केंद्र सरकार ने सही ठहराया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में विंग कमांडर अभिनव शर्मा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उनकी इस गलती से ना केवल पड़ोसी मुल्क के साथ भारत के रिश्तों में और दरार आ गई बल्कि देश को 24 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, विंग कमांडर अभिनव शर्मा ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। इसके खिलाफ केंद्र सरकार ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखना चाहिए और इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मिसाइल दागने को लेकर महत्वपूर्ण प्रैक्टिल डिटेल्स जानने में दिलचस्प दिखा रहा है। केंद्र ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता के मद्देनज़र विंग कमांडर की सेवा को ख़त्म करने का फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि यह मामला देश की सुरक्षा पर व्यापक रूप से प्रभाव डाल सकता है इसलिए 23 साल बाद भारतीय वायुसेना में ऐसा निर्णय लेना पड़ा। वहीं, अभिनव शर्मा की दलील है कि उन्हें जो प्रोफेशनल और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई थी, वह केवल मिसाइल के रखरखाव से संबंधित थीं ना कि उसके संचालन से। उन्होंने वकील जैतेगन सिंह के जरिए दाखिल की अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने कॉम्बैट SOP के आधार पर अपने कर्तव्य का पूरी तरह से पालन किया है और जो घटना घटी वह केवल संचालन से संबंधित है। अभिनव शर्मा ने एयर फोर्स एक्ट 1950 के सेक्शन 18 के तहत यह पेटीशन दाखिल की है। सचिन पायलट से सुलह के बाद सीएम गहलोत ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा ? 'मेरे पिता ने दहेज़ दिया, तुम खाना बनाकर मुझे खिलाओ, मैं नहीं बनाउंगी..', पति-पत्नी में अनोखा विवाद हिंसा के बीच मणिपुर जाना चाहती हैं ममता बनर्जी, अनुमति के लिए अमित शाह को लिखा पत्र