वैशाली : भीषण गर्मी के बीच मस्तिष्क ज्वर की चपेट में आए 44 में से 20 बच्चाें की साेमवार काे एसकेएमसीएच में माैत हाे गई। अन्य 24 बच्चाें की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हफ्ते भर में कुल 51 बच्चे दम ताेड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले पर नजर रख रहा है। लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक करना होगा। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव ने अफसरों के साथ वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग कर जायजा लिया। यमुना नदी में नहाने के दौरान डूब गए दो बच्चे, मौत यह है मौत का कारण सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक दिन में 20 बच्चाें की जान जाने के बाद परिजनाें की चीत्कार से एसकेएमसीएच गमगीन हाे गया। डाॅक्टराें ने बताया कि अधिकतर बच्चाें की स्थिति गंभीर है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सर्वाधिक माैतें हाइपाेग्लाइसीमिया से हुई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अबतक 11 की मौत की पुष्टि की है। कहा कि मात्र एक बच्चे की मौत जेई से हुई है। अमिताभ के ट्विटर एकाउंट पर लगी पाक पीएम इमरान की फोटो, मचा हड़कंप दिमागी बुखार सब पर हावी इसी के साथ पिछले 24 घंटे में वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र के हरवंशपुर पश्चिमी टोला में चार जबकि खिरखौआ गांव में एक बच्चे की मौत दिमागी बुखार से हाे गई। दोनों गांव के छह से अधिक बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हैं। मृतकों में हरवंशपुर के चतुरी सहनी के दो पुत्र सात वर्षीय प्रिंस व दो वर्षीय छोटू, राजेश सहनी की पुत्री सात वर्षीय रूपा, दिलीप मांझी का पुत्र तीन वर्षीय ब्रजेश व खिरखौआ के सुमेश पासवान का पुत्र सात वर्षीय अमरेश कुमार उर्फ भोला शामिल हैं। कुछ दिन पहले पचपैका गांव में सगी बहनाें की माैत हाे गई थी। पानीपत में निर्माणाधीन फैक्ट्री में रह रहे 8 लोग आग से झुलसे खराब मौसम और तेज बारिश की आशंका के चलते मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह मधुमक्खियों के झुंड ने किया परिवार पर हमला, एक की मौत कई घायल