वाशिंगटन: दुनियाभर के कोने कोने में लोगों के जीवन का काल बनता जा रहा कोरोना वायरस न जाने और कितना विकराल रूप लेने वाला है, हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से लाखों की तादाद में लोग संक्रमित होते जा रहे है. वहीं इस वायरस का कहर दिन व दिन और भी तेजी से बढ़ता जा रहा है जिसके बाद से लोगों में संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया है, वहीं अब भी यह कहना मुश्किल है कि इस वायरस के प्रकोप से पूरी तरह कब तक निजात मिल पाएगा. वैक्सीन पर साथ काम करेंगे ब्राजील-चीन: साओ पाउलो सरकार ने कहा है कि ब्राजील के इंस्टीट्यूटो बुटानटन ने चीन की प्रयोगशाला सिनोवैक बायोटेक के साथ कोविड-19 के खिलाफ एक प्रयोगात्मक वैक्सीन बनाने के लिए समझौता किया है. कुछ 9,000 ब्राजीलियन जुलाई से शुरू होने वाले परीक्षणों में भाग लेंगे, जो वितरण से पहले परीक्षण के तीसरे और अंतिम चरण का प्रतिनिधित्व करेंगे. टीका प्रभावी रहा तो इसे ब्राजील में बनाया जाएगा. अमेरिका में मिली ढील पर भी बाजार गिरा: अमेरिका में घरों में रहने के दिशानिर्देशों में ढील देकर देश में आर्थिक सुधार की आशा जगाने के बावजूद बाजार ने संदेह जताया. यहां प्रतिबंध हटाए जाने के बावजूद शेयर बाजार डाउ जोंस काफी नीचे चला गया. मार्च के बाद यह 1,800 अंकों की गिरावट के साथ सबसे कमजोर साबित हुआ. बता दें कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था दशकों के सबसे खराब दौर से गुजर रही है. नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में कम हुई श्रद्धालुओं की संख्या: कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के चलते पशुपति क्षेत्र विकास न्यास ने मंदिर के मुख्य द्वार को बंद कर दिया है. अब शाम की आरती तीन के बजाय केवल एक पुजारी द्वारा की जा रही है. यहां पर्यटकों के साथ-साथ आसपास के लोगों की आवाजाही भी घट गई है. इस कारण मंदिर की आय न के बराबर हो गई है. सीमा विवाद का असर, भारत-चीन व्यापर में 7 साल की सबसे बड़ी गिरावट कम हुआ ISIS का आतंक, अब इराक से अपनी सेना हटाने की तैयारी कर रहा अमेरिका ट्विटर की बड़ी कार्रवाई, बंद किए चीन का प्रोपेगेंडा फैलाने वाले 1.7 लाख खाते