ब्राजील फुटबॉल महासंघ अब अपनी महिला टीम को पुरुष टीम के समान ही सैलरी देगा. संघ के अध्यक्ष रोजिरियो कबोक्लो ने बताया कि खिताबी रकम, भत्ते समान हो जाने के पश्चात् अब महिलाएं भी मेंस टीम के समान ही कमाएंगी, इसका अर्थ स्पष्ट है कि सुपरस्टार नेमार तथा अनजान महिला टीम की प्लेयर्स के मध्य अब कोई अंतर नहीं रह जाएगा. ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे तथा न्यूजीलैंड कुछ ऐसे देश हैं, जहां पूर्व से ही यह इंतजाम अस्तित्व में है. मौजूदा विश्व विजेता अमेरिकी महिला टीम ने मार्च 2019 में अपने संघ के विरुद्ध सैलरी तथा शर्तों पर अंतर करने का मुकदमा दर्ज किया था. जस्टिस ने इस वर्ष मई में उनके केस को खारिज कर दिया, किन्तु टीम ने आग्रह किया. ब्राजील फुटबॉलर महासंघ ने कहा कि यह निर्णय मार्च में महिला टीम तथा उनके स्वीडिश कोच पिया सुंधगे को बताया गया था. साथ ही यह व्यवस्था आगामी वर्ष टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाली नेशनल टीमों के साथ-साथ अगले पुरुष तथा महिला वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भी निर्धारित किया जाएगा. पुरुषों की टीम फुटबॉल में सबसे ज्यादा विजयी रही है, जिसने पांच बार वर्ल्ड कप हासिल किया है, किन्तु महिला टीम भी खेल में स्ट्रांग है, 2007 तथा 2008 तथा 2008 में बैक-टू-बैक ओलंपिक अंतिम में वर्ल्ड कप अंतिम तक पहुंच गई. इसी के साथ ये महिला प्लेयर्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. बबीता फोगाट ने की खेल रत्न अवार्ड के नाम को बदलने की मांग जोकोविच-ज्वेरेव ने किया यूएस ओपन टेनिस टूर्नामेंट के तीसरे दौर में प्रवेश देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली प्रथम महिला है साक्षी मलिक