केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पिछले मानसून सत्र में कृषको के लिए पास किए गए तीन बिलों पर किसान संगठनों के विरोध के मध्य बुधवार को बैठक हुई। इस बैठक में 30 किसान संगठन सम्मिलित हुए हालांकि कृषि मंत्री की अनुपस्थिति के चलते कृषक मीटिंग से बाहर आए। यह बैठक कृषि सेक्रेटरी के साथ हो रही थी जबकि कृषको की मांगे थी कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उपस्थित हों। वही तोमर की अनुपस्थिति के चलते कृषक नाराज हो गए तथा मंत्रालय के अंदर ही नारे लगाए तथा कृषि कानूनों के पेज फाड़े। उन्होंने यह भी कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। कृषक बिलों के पास होने के पश्चात् निरंतर किसानो का मानना है कि उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा तथा कृषि थोक एपीएमसी मार्करों के माध्यम से उनकी उपज का कम से कम समर्थन मूल्य भी नहीं प्राप्त होगा। साथ ही भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया था कि केंद्र के साथ चर्चा के लिए सात सदस्यीय कमिटी बनायी गयी है। इस कमिटी में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह डालेवाल, जगमोहन सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह तथा सतमान सिंह साहनी सम्मिलित किये गये हैं। इसके साथ-साथ बीकेयू (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ' हमारे तीन मेंबर दिल्ली में बैठक में भाग लेंगे।' बीकेयू (दकुंडा) के प्रेसिडेंट बूटा सिंह बुर्जिल ने कहा था कि ‘रेल रोको’ सहित प्रदेश व्यापी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ' हम 15 अक्टूबर को बैठक में आगे की कार्ययोजना निर्धारित करेंगे।' टिकट न मिलने से आहत हैं स्वप्निल वरूण, कहा- 'BJP ने भी मुझे अनाथ कर दिया' ट्रम्प प्रशासन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये फैसला ताइवान पर जमकर बरसे चीनी राष्ट्रपति, कही ये बात