नई दिल्ली: हालिया घटनाक्रम में, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद दानिश अली सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं ने आज गुरुवार (2 नवंबर) को संसद आचार समिति की बैठक से बहिर्गमन किया। यह कदम उनके खिलाफ 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोप के संबंध में लोकसभा के नैतिक पैनल के समक्ष मोइत्रा की उपस्थिति के जवाब में आया है। बता दें कि, वर्तमान में मुख्य मुद्दा कथित 'कैश-फॉर-क्वेरी' शुल्क के आसपास घूमता है, जिसने काफी विवाद उत्पन्न किया है। जबकि आचार समिति ने इन आरोपों की जांच करने की मांग की, कार्यवाही में अप्रत्याशित मोड़ आ गया जब विपक्षी नेताओं ने बैठक के संचालन के तरीके पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी के अनुसार, कुछ विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा आचार समिति की अध्यक्ष महुआ मोइत्रा से पूछे गए सवालों को "अमर्यादित और अनैतिक" माना। इस धारणा के कारण उन्होंने बैठक से बाहर निकलने का निर्णय लिया, जो कार्यवाही से उनके असंतोष का संकेत था। विपक्षी नेताओं के अचानक बाहर निकलने के बावजूद, आचार समिति ने 'कैश-फॉर-क्वेरी' विवाद के संबंध में अपना विचार-विमर्श जारी रखा। इस आरोप ने संसदीय कार्यवाही की अखंडता पर ग्रहण लगा दिया है, जिससे यह महत्वपूर्ण सार्वजनिक हित का मामला बन गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, यह देखना बाकी है कि एथिक्स कमेटी आरोपों को कैसे संबोधित करेगी और क्या आगे के घटनाक्रम 'कैश-फॉर-क्वेरी' मुद्दे पर प्रकाश डालेंगे। यह घटना संसदीय नैतिकता और निर्वाचित प्रतिनिधियों की जवाबदेही के बीच जटिल संबंध के साथ-साथ विधायी ढांचे के भीतर ऐसे आरोपों को संबोधित करने में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालती है। कर्नाटक में मिला ज़ीका वायरस का पहला मरीज, पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी 'इंसानियत का दुश्मन है जॉर्ज सोरोस..', एलन मस्क ने खोली अमेरिकी अरबपति की पोल, भारत से भी है सीक्रेट संबंध ! पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा के बेटे को ED का समन