लंदन: भारत में हज़ारों करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक "व्यापक निपटान" प्रस्ताव दिया था जो उनकी सभी बकाया राशि का भुगतान करने में मदद करेगा. माल्या की टिप्पणियां तब आईं जब वह वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए पहुंचे, इस सुनवाई के दौरान न्यायाधीश भारतीय अधिकारीयों द्वारा तैयार किया गया माल्या को रखने वाली मुंबई के आर्थर रोड जेल के वीडियो की भी समीक्षा की. इमरान की पूर्व पत्नी रेहम खान का आरोप, सिंधी समाजसेवियों का दमन कर रही पाकिस्तान सरकार 62 वर्षीय पूर्व किंगफिशर एयरलाइन के मालिक माल्या पिछले साल अप्रैल में उनकी गिरफ्तारी के बाद प्रत्यर्पण वारंट पर जमानत पर हैं, ने अदालत के बाहर इकट्ठे हुए संवाददाताओं के समूह का जवाब देते हुए कहा कि मामला अदालत में है और अदालत ही इसका फैसला करेगी. माल्या के मुताबिक, उन्होंने और यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप (यूबीएचएल) ने 22 जून, 2018 को कर्नाटक उच्च न्यायालय में आवेदन दायर किया है, जिसमें लगभग 13,900 करोड़ रुपये की संपत्तियां उपलब्ध हैं. उन्होंने न्यायालय से न्यायिक पर्यवेक्षण और लेनदारों के भुगतान के तहत संपत्तियों की बिक्री की अनुमति देने के लिए कहा है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को न्यायालय द्वारा निर्देशित और निर्धारित किया जा सकता है. अफगानिस्तान में एक और आत्मघाती हमला, 19 लोगों की मौत इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए ब्रिटिश कोर्ट ने पिछले महीने भारतीय अधिकारियों से मुंबई की उस जेल सेल का वीडियो मांगा था, जहां प्रत्यर्पण के बाद माल्या को रखा जाना है, माल्या के वकीलों ने भारतीय जेलों की बुरी स्थिति का हवाला देते हुए अदालत से उनका प्रत्यर्पण भारत ना करने की अपील की थी. हालांकि, तब जज ने भारतीय अधिकारियों से आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 का एक वीडियो तैयार करने के लिए कह दिया था. हाल ही में ब्रिटेन के निवेश मंत्री ग्राहम स्टुअर्ट ने कहा था कि माल्या के प्रत्यर्पण मामले में वे भारत को हर संभव सहयोग दे रहे हैं. खबरें और भी:- पाकिस्तान का आर्थिक भविष्य है चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा - जनरल बाजवा चीन ने रूस शुरू किया अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, 3 लाख जवान ले रहे हैं हिस्सा वर्ल्ड हंगर इंडेक्स की भयावह रिपोर्ट: एक तरफ भोजन की बर्बादी, दूसरी ओर भूखी आबादी