इस कंपनी ने खोज निकाली ओमिक्रॉन वेरिएंट की दवा!

कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव के बीच ब्रिटेन ने एक चौकाने वाला दावा किया है। जी दरअसल, ब्रिटेन बेस्ड दवा निर्माता कंपनी ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने हाल ही में यह दावा किया है कि प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि कोविड-19 के खिलाफ इसकी एंटीबॉडी दवा नए सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। आप सभी को बता दें कि कंपनी का कहना है कि ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (gsk) ने सोट्रोविमैब को यूएस पार्टनर वीर (VIR) बायोटेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया, जो मानव द्वारा पहले से बनाए गए प्राकृतिक एंटीबॉडी पर आधारित एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है। आप सभी को हम यह भी जानकारी दे दें कि WHO ने यह दावा किया था कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट से पांच गुना ज्यादा संक्रामक है। दूसरी तरफ साउथ अफ्रीकन वैज्ञानिकों ने कहा था की इसके अध्ययन में अभी दो से तीन हफ्ते लग सकते हैं।

आपको बता दें कि कोरोना के इस वेरिएंट में पाया गया है कि शुरुआत में इसमें हलके लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे मरीज इसे समझ नहीं पाता और उसके बाद यह खतरनाक रूप धारण कर लेता है। हालाँकि सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अब तक ओमिक्रॉन के बारे में पूरी तरह से कोई जानकारी सामने नहीं आई है और ब्रिटेन बेस्ड दवा निर्माता कंपनी ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने दावा भी कर दिया कि उनकी एंटीबॉडी दवा नए सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।

आपको बता दें कि अब तक किये गए परीक्षणों में दावा किया गया है कि सोट्रोविमैब को 24 घंटों में हल्के से मध्यम कोविड-19 के साथ हाई रिस्क वाले एडल्ट पेशेंट्स में अस्पताल में भर्ती या मृत्यु के जोखिम को 79 प्रतिशत तक कम करता है। वहीँ दूसरी तरफ दवा कंपनी ने एक बयान में कहा, "ओमीक्रोन वेरिएंट के अनुक्रम (सीक्वेंस) के आधार पर, हमारा मानना है कि सोट्रोविमैब की ओर से इस वेरिएंट के खिलाफ सक्रियता और प्रभावशाली बनाए रखने की संभावना है।"

 ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन द्वारा निर्मित ओमिक्रॉन की दवा सोट्रोविमैब सिंगल डोज एंटीबॉडी है। कहा जा रहा है यह दवा कोरोना वायरस के बाहरी आवरण पर स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर काम करती है। इस दवा से यह वायरस को ह्यूमन सेल (Human Cell) में प्रवेश करने से रोक देती है। फिलहाल मिली जानकारी के तहत जेवुडी के रूप में मार्केटिंग की जाने वाली दवा को कोविड-19 के लक्षणों की शुरुआत के पांच दिनों के भीतर दिए जाने की सिफारिश की गई है।

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