भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू), जयपुर और कामटेक एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर ने संयुक्त रूप से अनुसंधान कार्यक्रमों पर काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों संगठन इंडस्ट्री 4.0, इंटरनेशनल कंसल्टेंसी, भविष्य के क्षेत्रों के लिए कौशल रूपरेखा, स्टार्ट अप और उद्यमिता विकास, प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए एमएसएमई को समर्थन, उत्पाद विकास और आईडीएफ परियोजनाओं आदि क्षेत्रों में संयुक्त रूप से अनुसंधान करेंगे। समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कारोबारी रणनीति में कामटेक की विशेषज्ञता, संयुक्त संकाय विकास कार्यक्रम और कार्यशाला तथा संगोष्ठी के माध्यम से समय-समय पर समर्थन प्रदान करके बीएसडीयू परिसर में स्टार्ट अप ईको सिस्टम को बढ़ावा देना है। बीएसडीयू के प्रेसीडेंट प्रो. अचिंत्य चैधरी ने कहा, ‘‘यह समझौता विभिन्न आयामों में छात्रों के स्किल अपग्रेडेशन और उनके विकास की दिशा में क्षेत्रीय साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया एक त्वरित कदम है। कामटेक एसोसिएट्स के साथ भागीदारी करना हमारे लिए खुशी का विषय है, जो ग्राहकों की संपूर्ण संतुष्टि के साथ निर्धारित समय सीमा में उच्च गुणवत्ता वाले मल्टी सेक्टर प्रोजेक्ट देने के लिए देश की कुछ कंसल्टेंसी कंपनियों में से एक है।‘‘ इसके अलावा, बीएसडीयू और कामटेक एसोसिएट्स इस इस आपसी समझौते के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें उत्पाद विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी विकास में नए उद्योगों को सहायता प्रदान करके भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का सपना संजोया गया है। साथ ही वे बीएसडीयू के छात्रों को आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी विनिर्माण इकाइयों को स्थापित करने और स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे जहां कामटेक टैक्नोलाॅजी सोर्सिंग, विभिन्न सरकारी योजनाओं और बैंकिंग टाई अप्स में सहायता प्रदान करेगा। कामटेक एसोसिएट्स के एमडी अजय गुप्ता ने कहा, ‘‘बीएसयूडी के साथ भागीदारी करते हुए हम खुशी का अनुभव कर रहे हैं। कुल मिलाकर दोनों संगठन संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ भारतीय प्रतिभाओं का एक पूल तैयार करने का काम करेंगे, ताकि कौशल आधारित शिक्षा प्रणाली का संपूर्ण लाभ उठाते हुए आत्मनिर्भर राष्ट्र का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक कुशल ईकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा सके। इन शैक्षिक परियोजनाओं के प्रति कामटेक एसोसिएट्स का पूर्ण समर्पण दरअसल नए उत्पादों और सेवाओं के डिजाइन, विकास और नवाचार की दिशा में बढ़ते आत्मनिर्भरता के कदमों को ही दर्शाता है।‘‘ बीएसडीयू के स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के प्रिंसिपल और डायरेक्टर-प्लानिंग एंड डेवलपमेंट डा. रवि गोयल ने कहा, ‘‘इस समझौते से दोनों संगठनों को फायदा होगा, क्योंकि इससे छात्रों और अन्य कर्मचारियों को एक नया एक्सपोजर मिलेगा और इस तरह कारोबार के नए आयाम खोलने का एक शानदार अवसर मिलेगा। साथ ही, दोनों संगठनों में उपलब्ध एडवांस्ड टैक्नोलाजी और इक्विपमेंट्स को साझा करके नए अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाकर अवसरों का पता लगाने का मौका भी मिलेगा।‘‘ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के दौरान उपस्थित गणमान्य लोगों में कामटेक एसोसिएट्स के एमडी श्री अजय गुप्ता, कामटेक के डायरेक्टर (इंटरनेशनल) सक्षम गुप्ता, बीएसडीयू के प्रेसीडेंट प्रो. अचिंत्य चैधरी, बीएसडीयू के स्कूल आफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के प्रिंसिपल और डायरेक्टर-प्लानिंग एंड डेवलपमेंट प्रो. रवि गोयल और बीएसडीयू की रजिस्ट्रार डॉ. सुशीला शर्मा के नाम प्रमुख हैं। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) के बारे मेंः 2016 में स्थापित भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है। बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2022 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ’राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया। बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है। मिजोरम में बढ़ी कोरोना की रफ्तार, अब तक नहीं हुई एक भी मौत सुप्रीम कोर्ट अवमानना केस: प्रशांत भूषण को बड़ा झटका, जारी रहेगा मुकदमा 15 अगस्त की तैयारी, गार्ड ऑफ ऑनर में हिस्सा लेने वाले 350 पुलिसकर्मी हुए आइसोलेट