लखनऊ। देश में आगामी चुनावों को मद्देनजर रखते हुए बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी इन चुनावों के लिए कमर कस ली है। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा एलान करते हुए यह भी कहा है कि उनकी पार्टी राजनीती के लिए हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण से दूर ही रहेगी। राजस्थान: जसवंत सिंह के बेटे ने छोड़ा बीजेपी का साथ, 'कहा कमल का फूल हमारी बड़ी भूल' दरअसल बसपा प्रमुख और उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने हाल ही में अपनी नवगठित बूथ लेवल कमेटी को सम्बोधित करने के लिए एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक के दौरान ही उन्होंने यह बाते कही। इस मीटिंग में मायावती समेत बीएसपी के कई अन्य बड़े नेताओं ने यह फैसला किया है कि वे पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को यह बात समझायेंगे की वीवीपीएटी मशीन सही काम कर रही है या नहीं इस बात का पता कैसे लगाया जाए। इसके साथ ही पार्टी प्रमुख मायावती ने यह बात भी कही है कि उनकी पार्टी इस बार संभावित हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण से पूरी तरह से दूर रहेगी। मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, चुनावी प्रक्रिया से नाराज़ विपक्ष उल्लेखनीय है कि आजकल देश में अधिकतर पार्टियां वोट बैंक की राजनीति करने में जुटी है और वे इसके लिए धर्म जैसे मुद्दों का भी सहारा ले रही है। ऐसे में बसपा द्वारा हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण से दूर रहने के बयान को देश की राजनीती में एक सकारात्मक बदलाव की तरह देखा जा रहा है। खबरें और भी सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोप तय होने के बाद भी चुनाव लड़ सकेंगे राजनेता मध्यप्रदेश चुनाव : कल भाजपा आयोजित करेगी 'कार्यकर्ता महाकुंभ', पीएम मोदी समेत कई बड़े नेता होंगे शामिल मालदीव में हार गया चीन, हुई भारत की जीत