बसपा के छह एमएलए के कांग्रेस में विलय के केस में उच्च न्यायालय में बहस पूरी हो गई है. अब आज दोपहर 2 बजे उच्च न्यायालय अपना निर्णय सुनाएगा. आज उच्च न्यायालय की बहस के अनुसार मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत माहन्ती की कोर्ट अपने निर्णय में समन तामील कराने के तरीके और एकलपीठ को स्टे एप्लीकेशन जल्द निस्तारित करने के संबंध आदेश दे सकती है. ओवैसी पर इस पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने लगाया नफरत फैलाने का आरोप बता दे कि बसपा और भाजपा एमएलए मदन दिलावर की ओर से उच्च न्यायालय में पेश की गई अपील में कहा गया है कि बसपा के छह एमएलए गहलोत कैम्प में बाड़ेबंदी में बंद हैं. ऐसे में उन्हें नोटिस तामील नहीं हो पा रहे हैं. वहीं एकलपीठ ने एक्स पार्टी स्टे देने से भी मना कर दिया है. ऐसे में खण्डपीठ केस में स्टे प्रदान करें. किन्तु न्याय पीठ ने भी केस में एक्स पार्टी स्टे देने से मौखिक रूप से मना कर दिया है. पालघर केस में 'लेटलतीफी' पर भड़की SC, सरकार से पुछा- अब तक क्या किया ? इसके अलावा गुरुवार की सुनवाई के समय स्पीकर की तरफ से कहा गया, कि भारत सरकार के 1958 के एक आदेश के अनुसार विधानसभा सचिवालय को समन तलब कराने के लिए पोस्ट आफिस की तरह उपयोग नहीं किया जा सकता है. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में एमएलए को समन तलब कराना आसान नहीं है. किन्तु हम समन तलब कराने का तरीका तय कर देंगे. उम्मीद की जा रही कोर्ट के निर्णय के पश्चात राजस्थान में राजनीतिक परिदृश्य ठीक हो सकता है. अयोध्या: भूमि पूजन पर इस मुस्लिम नेता ने दी धमकी, कहा- 'मंदिर को तोड़कर मस्जिद...' नंद्याल में एक बार फिर बड़ा हादसा, SPY रेड्डी एग्रो फैक्ट्री के बॉयलर में हुआ विस्फोट AIMIM चीफ ओवैसी पर भड़के वसीम रिजवी, कहा- 'मंदिर तोड़ने वाले थे तुम्हारे पूर्वज'