पाकिस्तान में मुस्लिमों पर हो रहे जुल्म का मुदृा उठाते हुए, मायावती ने एक बार फिर भाजपा सरकार से नागरिक कानून में बदलाव करने की मांग की है. यह बात उन्होने अपने 64 वें जन्मदिन के मौके पर कही. इसके अलावा उन्होने आगे कहा कि नागरिकता कानून को नए तरीके से बनाए जाने की पैरवी की है. बुधवार को पार्टी दफ्तर में मायावती ने भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की बात दोहराई और सपा पर कोई टिप्पणी से इन्कार किया. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती बुधवार को अपना 64वां जन्मदिन 'जनकल्याणकारी दिवस' के रूप में मना रही हैं. पाकिस्तान में ठंड ने ढाया कहर, मरने वालों की संख्या 100 के पार मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में लगभग 22 मिनट चली पत्रकार वार्ता में बसपा प्रमुख ने ज्यादातर समय भाजपा व कांग्रेस को कोसने में लगाया. अपने शासन काल में कानून- व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए मंत्रियों व विधायकों को जेल भेजने की जानकारी देना भी वह नहीं भूली.नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करते हुए नए सिरे से तैयार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि नागरिकता देने में मुस्लिमों से भेदभाव करना गलत है. ईराक को बड़ा झटका, 2014 में की गई गलती का अब हो रहा एहसास इसके अलावा उन्होने कहा कि ऐसा नहीं कि पड़ोसी देशों, खासकर पाकिस्तान में रहने वाले सभी मुसलमान सरकार से उत्पीडि़त नहीं है. ज्यादती किसी के साथ भी संभव है इसलिए सरकार मौजूदा कानून को वापस ले.आम सहमति से नया कानून बने और पीडि़त मुस्लिमों को भी नागरिकता दीे जाए. मायावती ने सीएए के विरोध में बसपा द्वारा किए प्रयासों को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा केवल अपनी जिद व अडिय़ल रवैये के कारण सीएए लागू किया गया है. जिस कारण देश में हाहाकार जैसे हालात बने है. CAA पर बढ़ा वाद-विवाद, विपक्ष में सुर एक मगर मंच पर... ईरान पर हमले की फोटोज हुई वायरल, वीडियो बनाने वाला हुआ गिरफ्तार उमा भारती का बड़ा बयान, कहा- मणिशंकर एक शिक्षित व्यक्ति...