'बुद्धं शरणं गच्छामि' मतलब 'मै बुद्ध की शरण में जाता हूँ'. बुद्ध शांति का एक ऐसा प्रतीक है जिसने अपने विचारों से पुरे विश्व में शांति का एक ऐसा आंदोलन चलाया था जिसके कारण बुद्ध आज भी लोगों के लिए आदर्श बने हुए है. बुद्ध के विचारों से आज जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमारे शरीर के अंदर होता है वो आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में बेहद जरुरी है. आइये जाने है बुद्ध के कुछ ऐसे विचारों के बारे में. हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है. यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती. हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता. किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं. किसी जंगली जानवर की अपेक्षा एक कपटी और दुष्ट मित्र से अधिक डरना चाहिए, जानवर तो बस आपके शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है, पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को नुक्सान पहुंचा सकता है. घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है.